झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी, कोविड फंड के दुरुपयोग और आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं जैसी गंभीर खामियां उजागर हुई हैं।
रांची: झारखंड में स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की रिपोर्ट ने बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट में सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी, कोविड फंड के दुरुपयोग, मातृत्व लाभ योजना में गड़बड़ी और आयुष्मान भारत योजना में अनियमितताओं जैसी गंभीर खामियां उजागर हुई हैं। इस रिपोर्ट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बयान पर जमशेदपुर पश्चिमी से विधायक सरयू राय भड़क गए हैं और उन्होंने सरकार से सीबीआई जांच की मांग कर दी हैं।
CAG रिपोर्ट के खुलासे से मचा हड़कंप
CAG की रिपोर्ट में झारखंड के स्वास्थ्य विभाग में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं:
* दवाओं की भारी किल्लत: सरकारी अस्पतालों में आवश्यक दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, जिससे मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर्स से महंगे दामों पर दवा खरीदनी पड़ रही है।
* कोविड-19 फंड घोटाला: केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए ₹756.42 करोड़ में से मात्र ₹137 करोड़ ही खर्च किए गए, जिससे आरटी-पीसीआर लैब, ऑक्सीजन प्लांट और अस्पतालों की बुनियादी सुविधाएं अधूरी रह गईं।
* मातृत्व लाभ योजना में धांधली: बोकारो और धनबाद जिलों में कई महिलाओं को चार महीने के भीतर दो बार लाभ दे दिया गया, जिससे सरकारी धन का गलत इस्तेमाल हुआ।
* आयुष्मान भारत योजना में अनियमितता: इस योजना से सिर्फ बड़े कॉर्पोरेट अस्पतालों को लाभ मिला, जबकि ग्रामीण इलाकों के सरकारी अस्पताल इससे वंचित रह गए।
सरयू राय का तीखा हमला, CBI जांच की चेतावनी
CAG रिपोर्ट पर सफाई देते हुए स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने इन आरोपों को निराधार बताया, लेकिन सरयू राय ने उनकी सफाई को खारिज कर दिया और कहा कि "यह सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है।" उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे इस मामले को कोर्ट में ले जाएंगे और CBI जांच की मांग करेंगे।
सरयू राय ने कहा, "झारखंड का स्वास्थ्य विभाग पिछले पांच वर्षों से भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। सरकारी अस्पतालों में दवाओं की भारी कमी है, मरीजों को इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। स्वास्थ्य मंत्री इस घोटाले पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हम इसे यूं ही नहीं छोड़ेंगे।"
स्वास्थ्य मंत्री पर लगाए गंभीर आरोप
सरयू राय ने कहा कि यह मामला चारा घोटाले जैसा है, जहां CAG रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद CBI जांच हुई थी। उन्होंने कहा कि यदि स्वास्थ्य मंत्री दोषियों को बचाने की कोशिश करते रहे, तो यह मामला भी चारा घोटाले की तरह तूल पकड़ेगा। सरयू राय ने मुख्यमंत्री से मांग की कि स्वास्थ्य विभाग में दवा खरीद घोटाले, कोविड फंड के दुरुपयोग और सरकारी योजनाओं में अनियमितताओं की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार इसमें टालमटोल करती है, तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे और CBI जांच की मांग करेंगे। CAG रिपोर्ट के सामने आने के बाद राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है। विपक्ष और जनता ने भी इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगना शुरू कर दिया हैं।