कर्नाटक में जाति जनगणना को लेकर विवाद बढ़ा, कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने इसे अवैज्ञानिक बताया। लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के मंत्री अगली कैबिनेट बैठक में विरोध जताने की तैयारी में हैं।
Bangalore, Karnataka: कर्नाटक में Caste Census Report को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) की ओर से शुक्रवार को पेश की गई जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट (Karnataka Caste Census Report) पर विभिन्न समुदायों, खासकर वीरशैव-लिंगायत (Veerashaiva-Lingayat) और वोक्कालिगा (Vokkaliga) समूहों के विरोध के सुर तेज हो गए हैं। वोक्कालिगारा संघ (Vokkaligara Sangha) ने सरकार को आंदोलन की चेतावनी दी है।
क्या है रिपोर्ट में?
रिपोर्ट में ओबीसी (OBC) यानी अन्य पिछड़ा वर्ग को 51% आरक्षण देने की सिफारिश की गई है, जो वर्तमान में 32% है। अगर यह लागू होता है तो राज्य में कुल आरक्षण 75% हो जाएगा, जिसमें SC को 17% और ST को 7% आरक्षण पहले से ही मिल रहा है।
क्यों हो रहा है विरोध?
राज्य सरकार के कुछ मंत्रियों और कई राजनीतिक दलों ने रिपोर्ट को "अवैज्ञानिक" बताते हुए इसे खारिज करने की मांग की है। लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय के कई विधायकों और मंत्रियों ने इस रिपोर्ट के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। रिपोर्ट के अनुसार लिंगायत समुदाय की जनसंख्या 66.35 लाख और वोक्कालिगा की 61.58 लाख है।
वोक्कालिगारा संघ की कड़ी प्रतिक्रिया
संघ के अध्यक्ष केंचप्पा गौड़ा ने कहा, "यदि यह रिपोर्ट लागू होती है तो हम बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।" उन्होंने बताया कि वोक्कालिगा समुदाय खुद का सर्वेक्षण कराएगा और इसके लिए सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया गया है।
संघ के निदेशक नेल्लीगेरे बाबू ने तीखा बयान देते हुए कहा, "अगर मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने यह रिपोर्ट लागू की तो सरकार को गिराना पड़ेगा।"
अगली कैबिनेट में उठेगा मुद्दा
राज्य सरकार ने 17 अप्रैल को विशेष कैबिनेट बैठक बुलाई है, जिसमें इस विवादास्पद रिपोर्ट पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। वीरशैव-लिंगायत और वोक्कालिगा समुदाय के मंत्री इस बैठक में अपनी आपत्तियां दर्ज कराएंगे।