Kolkata Doctor Murder Case: क्या पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के फोन में छुपे है राज? क्या पीड़िता को पता लग गया था कोई बड़ा सच? CBI जांच में होगा खुलासा

Kolkata Doctor Murder Case: क्या पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के फोन में छुपे है राज? क्या पीड़िता को पता लग गया था कोई बड़ा सच? CBI जांच में होगा खुलासा
Last Updated: 28 अगस्त 2024

आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के जांच के दायरे में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष हैं।

कोलकाता: कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की जांच अब तेजी से आगे बढ़ रही है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व प्राचार्य डॉ. संदीप घोष को शामिल किया है। सीबीआई के अधिकारियों ने पहले ही घोष का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया है, जिससे कई नई जानकारियाँ सामने आने की संभावना जताई जा रही हैं।

संदीप घोष के फोन में छुपे कई राज

सीबीआई 9 अगस्त की सुबह सेमिनार कक्ष में ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के तुरंत बाद किए गए मोबाइल फोन कॉल्स का निरीक्षण कर रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच अधिकारी घोष द्वारा किए गए या प्राप्त किए गए फोन कॉल्स का ट्रैक कर रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि उन कॉल्स के दौरान बातचीत में वास्तव में क्या हुआ था।

दो और लोगों का होगा पॉलीग्राफ टेस्ट- CBI

जानकारी के मुताबिक सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के अधिकारियों ने पहले ही घोष का पॉलीग्राफ परीक्षण किया है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने कोलकाता पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक अनूप हलदर और मामले के एकमात्र आरोपी संजय रॉय के नजदीकी सहयोगी पर भी यही परीक्षण करने के लिए कोलकाता की एक निचली अदालत से अनुमति मांगी हैं।

क्या पीड़िता जान गई थी कोई बड़ा सच?

सूत्रों के अनुसार पीड़िता अस्पताल में अपने उच्च अधिकारियों के एक वर्ग, विशेषकर उन लोगों के लिए जो डॉ. घोष के करीबी माने जाते हैं, की गुड बुक्स में शामिल नहीं थी। इसी कारण से सीबीआई को इस भयानक बलात्कार और हत्या के पीछे कुछ छिपी सच्चाइयों के बारे में संदेह उत्पन्न होता है। कई अधिकारियों का मानना है कि शायद यह हत्या इसलिए हुई क्योंकि उसे अस्पताल से जुड़ी कुछ गंभीर सच्चाइयों का पता चल गया था।

सीबीआई आर.जी. कर में वित्तीय अनियमितताओं की समानांतर जांच भी कर रही है, जब डॉ. घोष प्रिंसिपल थे। फिलहाल, सीबीआई की दो जांच टीमें समानांतर रूप से जांच कर रही हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन दोनों मामलों के बीच कोई संबंध हैं।

 

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