Dublin

टमाटर से शराब बनाने की योजना, किसानों के लिए नई उम्मीद, सरकार तैयार कर रही है खास योजना

टमाटर से शराब बनाने की योजना, किसानों के लिए नई उम्मीद, सरकार तैयार कर रही है खास योजना
अंतिम अपडेट: 23-11-2024

सरकार ने टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए कुछ क्रिएटिव और व्यावसायिक समाधान सुझाने के लिए स्टार्टअप्स से आइडियाज मांगे थे। इस पहल में 28 स्टार्टअप्स ने अपने इनोवेटिव विचार प्रस्तुत किए, जिनमें टमाटर से शराब बनाने का आइडिया भी शामिल है। इन प्रस्तावों को सरकार फंडिंग और समर्थन देने की योजना बना रही है, जिससे टमाटर की निरंतर आपूर्ति को सुनिश्चित किया जा सके। यह पहल किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।

नई दिल्ली: टमाटर की कीमतों में आए दिन होने वाले उतार-चढ़ाव से आम जनता और किसानों दोनों को समस्याएं होती हैं। कभी टमाटर की कीमतें आसमान छूने लगती हैं, तो कभी बाजार में उनका भाव गिरकर अचानक बहुत कम हो जाता है। ऐसे में सरकार ने अब टमाटर की सप्लाई में स्थिरता लाने के लिए नए उपायों पर विचार करना शुरू किया है। इसका उद्देश्य किसान और उपभोक्ता दोनों को लाभ पहुंचाना है और बाजार में टमाटर की कीमतों को संतुलित बनाए रखना है।

सरकार ने टमाटर सप्लाई चेन में सुधार के लिए 28 नए आइडिया किए चयन

सरकार ने टमाटर की कीमतों में उतार-चढ़ाव पर काबू पाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि सरकार ने टमाटर सप्लाई चेन और प्रोसेसिंग में सुधार के लिए एक हैकाथॉन का आयोजन किया था, जिसमें 28 नए आइडिया चुने गए हैं। इन आइडिया में एक टमाटर से वाइन बनाने का भी अनोखा विचार शामिल है। अब इन स्टार्टअप्स को फंडिंग दी जाएगी ताकि वे अपने कारोबार को बढ़ा सकें और टमाटर की सप्लाई में स्थिरता लाई जा सके।

यह हैकाथॉन पिछले साल जून में टमाटर ग्रैंड चैलेंज (टीजीसी) के रूप में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य टमाटर की कीमतों को किफायती बनाना और किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाना था। इस आयोजन के माध्यम से सरकार टमाटर मूल्य श्रृंखला में नए विचारों को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रही है, जिससे उपभोक्ताओं और किसानों दोनों को लाभ पहुंचे।

टमाटर के भाव में उतार-चढ़ाव के कारण और सरकार की पहल

टमाटर की कीमतों में अचानक उतार-चढ़ाव होना एक सामान्य समस्या बन गई है, जिसका असर सिर्फ उपभोक्ताओं बल्कि किसानों पर भी पड़ता है। इसके पीछे कई कारण होते हैं, जैसे अत्यधिक बारिश या गर्मी के कारण फसल को नुकसान, ट्रांसपोर्टेशन में अड़चनें, या कीटों के हमले से फसल का बर्बाद होना। इन परिस्थितियों के कारण कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव होता है। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि साल में कम से कम 2-3 बार टमाटर के भाव 100 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं, जबकि कभी-कभी कीमतें इतनी गिर जाती हैं कि किसानों की आय पर असर पड़ता है।

इस समस्या के समाधान के लिए सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। निधि खरे ने कहा कि टमाटर की सप्लाई चेन को मजबूत करना, कटाई से पहले और बाद में होने वाले नुकसान को कम करना, और प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाना जरूरी है ताकि कीमतों में स्थिरता लाई जा सके। इसके लिए 28 नए आइडिया चुने गए हैं, जिनमें से 14 पेटेंट रजिस्टर किए जा चुके हैं। इन स्टार्टअप्स को ट्रेनिंग दी जाएगी, ताकि वे अपने नवाचारों को निवेशकों और बड़ी कंपनियों के सामने पेश कर सकें और इस समस्या का समाधान खोज सकें।

भारत में टमाटर का उत्पादन और सरकार की योजना

भारत में हर साल करीब 20 मिलियन टन (2 करोड़ टन) टमाटर का उत्पादन होता है। टमाटर का उत्पादन देश के लगभग सभी राज्यों में होता है, लेकिन दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों में इसका उत्पादन अधिक होता है, जो पूरे देश के कुल उत्पादन का लगभग 60 प्रतिशत योगदान देता है।

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने बताया कि सरकार अब स्टार्टअप्स को मदद देने की योजना बना रही है, ताकि वे निवेशकों और अन्य बड़े कॉरपोरेट्स से जुड़ सकें और अपने कारोबार को बढ़ा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि टमाटर की मूल्य अस्थिरता की समस्या को हल करने के लिए कुछ नए और क्रिएटिव विचारों पर काम किया जा रहा है, जैसे कि टमाटर से शराब बनाने का आइडिया। इस तरह के नवीन विचार टमाटर की उत्पादन और सप्लाई चेन को स्थिर बनाने में मदद कर सकते हैं और किसानों के लिए यह लाभकारी साबित हो सकते हैं।

Leave a comment