राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने बताया कि मप्र में स्थित मदरसों में 9417 हिंदू बच्चों को इस्लामी शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने सभी हिंदू बच्चों को समीक्षा के दौरान मदरसों से बाहर निकालकर स्कूलों में प्रवेश दिलाने के लिए सरकार से मांग की गई है।
Bhopal News: मध्य प्रदेश के मदरसों में 9,417 हिंदू बच्चे शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हें उर्दू के साथ इस्लाम की तालीम दी जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा इन मदरसों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। उसके बावजूद भी मदरसों में न सुरक्षा के इंतजाम हैं, न ही NCERT की शिक्षा व्यवस्था लागू है।
अवैध रूप से संचालित मदरसे
बता दें कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस शिक्षा व्यवस्था का पर्दाफाश किया है। उन्होंने शुक्रवार को भोपाल में subkuz.com व अन्य मीडिया के साथ बातचीत करते हुए कहा कि प्रदेश में मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं, लेकिन इस ओर स्कूल शिक्षा विभाग का कोई ध्यान नहीं है।
मदरसों के सर्वे की मांग
उन्होंने सरकार से मांग करते हुए मिडिया से कहा कि मदरसों में पढ़ाई कर रहे हिंदू बच्चों को तत्काल मदरसों से बाहर निकालकर स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाए। कानूनगो ने मांग करते हुए आगे कहा कि पहले भी मदरसों का सर्वे और मैपिंग कराने की मांग की जा चुकी हैं। सर्वे के साथ ही इसमें यह भी देखा जाना चाहिए कि मदरसों में पढ़ाने वाले शिक्षक निर्धारित शैक्षिक योग्यता पूरी करते हैं या नहीं।
12 विभागों के साथ हुई बैठक
कानूनगो ने शुक्रवार (14 जून) को प्रदेश में बाल संरक्षण की स्थिति का जायजा करने के लिए 12 विभागों के साथ समीक्षा बैठक भी आयोजित की। इस दौरान वक्फ बोर्ड ने जानकारी दी कि प्रदेश में चार अनाथालय भी संचालित हैं, लेकिन इनको किशोर न्याय अधिनियम के तहत शासन में पंजीकृत नहीं किया गया हैं। ऐसे सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए आयोग ने मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को रिपोर्ट के साथ 18 जून को बैठक में शामिल होने को कहा।
कई आश्रमों और NGO की जानकारी ली
subkuz.com को मिली जानकारी के अनुसार, आयोग ने प्रदेश के डिंडौरी व दमोह में सरकारी सहयोग से चल रहे मिशनरी आश्रमों और NGO की समीक्षा कर पूरी जानकारी भी मांगी है। जिसके दौरान मध्य प्रदेश में ऐसे 56 आश्रम व 30 स्कूल संचालित हैं।
इसी के साथ कानूनगो ने बताया कि प्रदेश में लगभग 1000 बच्चे HIV से पीड़ित हैं। पॉक्सो एक्ट के इनके खिलाफ अंतर्गत 2221 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन प्रदेश में ऐसे मामले ओर अधिक हैं। इनकी जांच के अब आदेश जल्द से जल्द जारी किए जाएं। आयोग ने पुलिस मुख्यालय से ऐसे बच्चों का सम्पूर्ण डेटा और रिकॉर्ड किए प्रकरणों की जानकारी मांगी है।