महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 37 अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के 40 नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। इन नेताओं में से अधिकतर वो हैं, जिन्होंने पार्टी से टिकट न मिलने पर निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है या फिर वे बागियों का समर्थन कर रहे हैं।
Election 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राज्य में बड़ी कार्रवाई करते हुए अनुशासनहीनता के आरोप में 37 विधानसभा क्षेत्रों के 40 कार्यकर्ताओं और नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब महायुति गठबंधन, जिसमें BJP, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजीत पवार की एनसीपी शामिल हैं, ने अपना घोषणापत्र जारी किया है। घोषणापत्र में महाराष्ट्र को "अभूतपूर्व समृद्धि और विकास" की दिशा में ले जाने का वादा किया गया है।
बीजेपी के बागी नेता की बढ़ी टेंशन
बीजेपी के लिए टिकट वितरण को लेकर बागियों की समस्या गंभीर होती जा रही है। पार्टी के दो पूर्व सांसद, हीना गावित (नंदुरबार) और ए.टी. पाटिल (जलगांव), भी अब पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। हीना गावित नंदुरबार से और ए.टी. पाटिल जलगांव से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे बीजेपी की चुनावी रणनीति को झटका लगा है। इस स्थिति ने पार्टी की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि बागी नेता अपने-अपने क्षेत्रों में पार्टी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।
बीजेपी के बागी नेताओं की बढ़ी नाराजगी
हीना गावित, जो नंदुरबार से 2014 और 2019 में सांसद रह चुकी हैं, इस बार कांग्रेस के गोवाल पाडवी से हार गई थीं। इस बार विधायक का टिकट न मिलने पर वह नाराज होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में उतरी हैं। इसी तरह, ए.टी. पाटिल भी एलएलए के टिकट की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन पार्टी ने किसी और को उम्मीदवार बना दिया, जिसके बाद उन्होंने भी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में करीब 30 सीटों पर बीजेपी के बागी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
कई बागी नेताओं ने वापस लिया निर्दलीय पर्चा
बीजेपी के कई बड़े नेता इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे, लेकिन पार्टी ने आखिरी समय में अपने बागियों को मनाने में सफलता पाई। कई नेताओं ने नामांकन वापसी की आखिरी तारीख पर अपने पर्चे वापस ले लिए। इनमें बीजेपी के पूर्व सांसद गोपाल शेट्टी का नाम प्रमुख है, जिन्होंने बोरीवली सीट से निर्दलीय पर्चा भरा था, लेकिन बाद में अपना नाम वापस ले लिया। इसके अलावा, सांगली से बागी नेता शिवाजी डोंगरे, गढ़चिरौली से देवराव होली, और गुहागर से संतोष जैतापकर ने भी आखिरी समय में अपना पर्चा वापस किया, जिससे पार्टी को राहत मिली।