Maharashtra Elections 2024: महायुति की ऐतिहासिक जीत, MVA के लिए क्या हैं वो 5 बड़े फैक्टर, जिनसे बदली पूरी सियासत

Maharashtra Elections 2024: महायुति की ऐतिहासिक जीत, MVA के लिए क्या हैं वो 5 बड़े फैक्टर, जिनसे बदली पूरी सियासत
Last Updated: 6 घंटा पहले

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के परिणाम NDA के लिए ऐतिहासिक रहे, क्योंकि उन्होंने सत्ता में वापसी का रिकॉर्ड कायम किया है। यह जीत विभिन्न कारणों से संभव हो पाई, जो महायुति की रणनीतियों और जनता के समर्थन से जुड़ी हैं।

Maharashtra Election Result 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी नीत महायुति ने शानदार जीत दर्ज की है, जिसमें बीजेपी ने अकेले शतक लगाया। वहीं, महाविकास अघाड़ी (MVA) को करारी हार का सामना करना पड़ा। यह परिणाम कई कारणों से महत्वपूर्ण है, और इन पांच प्रमुख फैक्टरों ने महायुति की जीत को सुनिश्चित किया।

1. 'माझी लाडकी बहिन' योजना से महिलाओं का समर्थन

महायुति को महाराष्ट्र सरकार की 'माझी लाडकी बहिन' योजना का खासा लाभ मिला। इस योजना ने ग्रामीण और शहरी महिलाओं के बीच महायुति के लिए मजबूत समर्थन तैयार किया। महिलाओं को दी गई वित्तीय सहायता और सामाजिक कल्याण के उपायों ने इस योजना को सराहा गया, जिससे घरेलू वोटरों में महायुति का समर्थन बढ़ा।

2. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की जमीनी रणनीति

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने चुनावी समय में अपनी संगठनात्मक ताकत का अच्छा प्रदर्शन किया। संघ के कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क किया और बीजेपी को समर्थन देने की अपील की। यह जमीनी रणनीति कई सीटों पर निर्णायक साबित हुई और महायुति को एक बड़ा फायदा पहुंचाया।

3. 'छोटी जातियों' और अल्पसंख्यकों का साथ

महायुति ने पारंपरिक मराठा और ओबीसी वोटों के अलावा छोटी जातियों और अल्पसंख्यक समुदायों को भी अपनी रणनीति में शामिल किया। इस तरह से महायुति ने जातिगत संतुलन स्थापित किया, जिससे व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ और चुनावी जीत में अहम योगदान मिला।

4. अधिक वोटिंग ने महायुति को बढ़ाया फायदा

महाराष्ट्र में इस बार रिकॉर्ड मतदान हुआ, जिसमें 70% मतदान दर्ज किया गया। यह उच्च मतदान प्रतिशत महायुति के लिए लाभकारी साबित हुआ, क्योंकि यह ज्यादातर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिक हुआ, जिससे महायुति के पक्ष में स्थिति मजबूत हुई।

5. MVA की विफल रणनीति

महाविकास अघाड़ी (MVA) अपनी रणनीति में विफल रही और जनता को एक ठोस विकल्प नहीं दे पाई। शिवसेना-यूबीटी, कांग्रेस और एनसीपी के बीच आपसी तालमेल और रणनीति की कमी ने उन्हें मतदाताओं से आवश्यक समर्थन नहीं दिलवाया, जबकि NDA ने अपने संदेश को प्रभावी ढंग से जनता तक पहुंचाया।

मुख्यमंत्री शपथ ग्रहण समारोह की तारीख तय

अब, 25 नवंबर को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह होने की संभावना है। विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को खत्म होने के कारण महायुति 25 नवंबर को सरकार बनाने की योजना बना सकती है। इसके लिए 24 नवंबर को अजित पवार की एनसीपी की बैठक भी अहम होगी, जो सरकार बनाने की दिशा में निर्णायक कदम उठाएगी।

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