Maharashtra: MVA में सीट बंटवारे को लेकर मचा घमासान, कांग्रेस और शिवसेना झुकने को नहीं हैं तैयार; 33 सीटों पर क्या होगा समाधान?

Maharashtra: MVA में सीट बंटवारे को लेकर मचा घमासान, कांग्रेस और शिवसेना झुकने को नहीं हैं तैयार; 33 सीटों पर क्या होगा समाधान?
Last Updated: 3 घंटा पहले

महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए महाविकास अघाड़ी (MVA) ने शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच 85-85 सीटों का फॉर्मूला निर्धारित किया है। हालांकि, बाकी सीटों को लेकर पार्टियों के बीच विवाद जारी है।

Maharashtra Assembly Elections 2024: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में अपनी-अपनी जीत को सुनिश्चित करने के लिए सभी पार्टियाँ पूरा जोर लगा रही हैं। सीटों के वितरण से लेकर चुनाव प्रचार तक हर दिशा में गहन मंथन चल रहा है। महाविकास अघाड़ी ने सभी पार्टियों के लिए 85 सीटों का एक फॉर्मूला तय किया है, लेकिन बाकी सीटों के लिए तीनों पार्टियों के बीच खींचतान अभी भी जारी है। 85 सीटों के इस फॉर्मूले के अनुसार, तीनों पार्टियों के बीच कुल 255 सीटें बांटी गई हैं।

उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को कांग्रेस और शरद पवार गुट की कई सीटों पर उम्मीदवार घोषित करने तथा आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया है। शरद पवार के साथ हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में माविया ने स्पष्ट किया कि कई सीटों का अदला-बदली किया जाएगा, लेकिन आज सीट बंटवारे को लेकर तीनों पार्टियों के बीच टकराव हो गया है।

सीट आवंटन का अंतिम फैसला आज

नेता प्रतिपक्ष विजय वडेट्टीवार ने बताया कि सीट बंटवारे का फॉर्मूला आज, अर्थात् शुक्रवार को योग्यता के आधार पर निर्धारित किया जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि माविया से सीट आवंटन पर अंतिम निर्णय लेने के बाद सीटों के अदला-बदली का निर्णय भी लिया जाएगा। आज कांग्रेस पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की आखिरी बैठक होने वाली है, जहां सूची पर अंतिम मुहर लगेगी। विजय वडेट्टीवार ने बताया कि इसके बाद सीट आवंटन के फॉर्मूले को अंतिम रूप दिया जाएगा।

किसको मिलेगी कितनी सीटें?

उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने जानकारी दी है कि महाविकास अघाड़ी में शामिल तीनों दलकांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और उद्धव गुट की शिवसेना - चुनाव में 85-85 सीटों पर लड़ेंगे। इसके अतिरिक्त, 18 सीटों पर हम समाजवादी पार्टी समेत अपने गठबंधन सहयोगियों से चर्चा करेंगे। आज की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। शेष 15 सीटों पर निर्णय बाद में लिया जाएगा।

शिवसेना की सीटों को लेकर जदोजहद 

महाविकास अघाड़ी में लंबे समय से सीटों के बंटवारे को लेकर विवाद जारी था। शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस, दोनों ने अपनी-अपनी ओर से अधिक सीटों की मांग की, जबकि राकांपा (शरद पवार) के नेता शरद पवार मौन बने रहे। शिवसेना ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वह 120 से कम सीटों पर समझौता नहीं करेगी, क्योंकि 2019 के विधानसभा चुनाव में उसने भाजपा के साथ मिलकर 124 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दूसरी ओर, कांग्रेस ने हाल के लोकसभा चुनावों में अपनी मिली जीत को आधार बनाते हुए गठबंधन में सबसे अधिक सीटों पर लड़ने की इच्छा जताई।

सीटों की खींचतान के दौरान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले और शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत के बीच कुछ नोकझोंक भी हुई थी। शिवसेना (यूबीटी) ने कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं से संपर्क कर विदर्भ और मुंबई की लगभग एक दर्जन सीटें अपने लिए छोड़ने का आग्रह किया, लेकिन कांग्रेस के प्रदेश नेता इस बार शिवसेना (यूबीटी) की जिद के आगे झुकने को तैयार नहीं थे। आखिरकार, बुधवार को शरद पवार ने इस विवाद को सुलझाने की पहल की। उनकी अध्यक्षता में हुई तीनों दलों की बैठक में फिलहाल 85-85-85 का फॉर्मूला तय किया गया है।

 

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