रमा एकादशी का व्रत विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है। यह एकादशी हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में आती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है, और भक्तों का मानना है कि उनकी आराधना से सभी पापों का नाश होता है। आइए, जानें कि इस पावन दिन पर आपको क्या खाद्य पदार्थ सेवन करना चाहिए और किनसे परहेज करना चाहिए।
एकादशी तिथि को अत्यंत शुभ माना जाता है।
एकादशी व्रत भगवान विष्णु की आराधना के लिए समर्पित है।
एकादशी शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की 11वीं तिथि को मनाई जाती है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक धार्मिक महत्व है, जिसे हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में दो बार मनाया जाता है। इस वर्ष कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रमा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा, जिसका महत्व इस माह में विशेष रूप से बढ़ जाता है। मान्यता है कि इस दिन श्री हरि की पूजा करने से जीवन में शुभ फल और सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रमा एकादशी का व्रत 28 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा।
रमा एकादशी व्रत में निम्नलिखित खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है
दूध और दही: ये पोषण से भरपूर होते हैं और व्रत के दौरान उपयोगी रहते हैं।
फल: जैसे केला, सेब, संतरा, पपीता, और अंगूर, जो ऊर्जा प्रदान करते हैं।
शरबत: विभिन्न फलों का शरबत ताजगी और ऊर्जा देता है।
साबुदाना: इसे खीर या खिचड़ी बनाकर खाया जा सकता है।
बादाम: ये ऊर्जा और प्रोटीन का अच्छा स्रोत हैं।
नारियल: कद्दूकस किया हुआ नारियल या नारियल पानी भी ताजगी प्रदान करता है।
शकरकंद: इसे उबालकर या भूनकर खाया जा सकता है।
आलू: इसे उबालकर या सेंककर स्नैक्स के रूप में लिया जा सकता है।
मिर्च: सेंधा नमक के साथ मिर्च का सेवन किया जा सकता है।
राजगीर का आटा: इसका उपयोग चिप्स या पराठे बनाने में किया जा सकता है।
रमा एकादशी पर निम्नलिखित चीजों का सेवन वर्जित है
अन्न: सभी प्रकार के अनाज, जैसे गेहूं, चावल, जौ आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
चावल: इस दिन चावल का सेवन पूरी तरह से निषिद्ध है।
नमक: सामान्य नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए; केवल सेंधा नमक की अनुमति होती है।
तामसिक भोजन: जैसे मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन, और अंडे से बचना चाहिए।
तेल में तले हुए पदार्थ: तले हुए स्नैक्स, जैसे समोसा, कचौरी, आदि का सेवन वर्जित है।
फास्ट फूड: जंक फूड और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
दुग्ध उत्पादों के कुछ प्रकार: जैसे घी, मखन, या पनीर का उपयोग सीमित करना चाहिए।
भगवान विष्णु को भोग अर्पित करते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें
"त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।
गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर।।"
इस मंत्र का उच्चारण करते समय मन में श्रद्धा और भक्ति के साथ ध्यान करें। यह मंत्र भगवान विष्णु को भोग अर्पित करने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।