महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। इस चुनाव में चांदगढ़ सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर शिवाजी पाटिल ने जीत हासिल की और उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पाटिल ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की।
मुंबई: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत से जीत हासिल की है। भाजपा ने 132 विधानसभा सीटें जीतकर राज्य में अपनी स्थिति और मजबूत कर ली है, और अब महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर मंथन जारी है। इस बीच, चांदगढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव जीतकर विधायक बने शिवाजी पाटिल ने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की। पार्टी के एक पदाधिकारी के अनुसार, पाटिल ने सोमवार को यह जानकारी दी।
चुनाव से पहले शिवाजी पाटिल ने कोल्हापुर जिले की चांदगढ़ विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी। हालांकि, महायुति गठबंधन के तहत सीट-बंटवारे के कारण इस सीट से एनसीपी-अजित पवार गुट ने अपना उम्मीदवार उतारा था, जिससे पाटिल को निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। अब उन्होंने भाजपा को समर्थन देने का फैसला किया है, जो पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण समर्थन साबित हो सकता हैं।
शिवाजी पाटिल ने दिया भाजपा को समर्थन
शिवाजी पाटिल ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चांदगढ़ विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और एनसीपी के राजेश पाटील को हराकर जीत दर्ज की। रविवार रात, उन्होंने उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और भाजपा को समर्थन देने का औपचारिक पत्र सौंपा। फडणवीस ने उनका स्वागत करते हुए उन्हें शॉल भेंट की और समर्थन के लिए सराहना की।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की। इस गठबंधन में भाजपा, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं। भाजपा ने कुल 149 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 132 सीटें जीतकर अपनी छवि को मजबूत किया है। वहीं, शिवसेना-शिंदे गुट ने 57 और एनसीपी-आजीत पवार गुट ने 41 सीटें जीतीं।
राज्य में सरकार बनाने के लिए आवश्यक बहुमत का आंकड़ा 145 है, जिसे महायुति ने आसानी से पार कर लिया, जिससे अब भाजपा और उसके गठबंधन को सत्ता में आने के लिए पर्याप्त समर्थन मिल गया हैं।