Manipur Violence: मणिपुर के CM जिरीबाम हमले के बाद सुरक्षा टीम के हुए मुरीद, कहा- ‘CRPF नहीं होती तो कई लोगों की जान चली जाती’

Manipur Violence: मणिपुर के CM जिरीबाम हमले के बाद सुरक्षा टीम के हुए मुरीद, कहा- ‘CRPF नहीं होती तो कई लोगों की जान चली जाती’
Last Updated: 12 घंटा पहले

11 नवंबर को बोरोबेकरा राहत शिविर में करीब 10 कुकी उग्रवादियों के घुसने की कोशिश की थी। उग्रवादियों के पास कई हथियार थे और उनका उद्देश्य शिविर में बड़ा हमला करना था। हालांकि, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने समय रहते उनकी घुसपैठ को रोक लिया और उग्रवादियों के साथ मुठभेड़ (एनकाउंटर) में उन्हें मार गिराया। 

इम्फाल: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने जिरीबाम जिले में हुए आतंकवादी हमले के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि 10 कुकी आतंकवादियों ने 11 नवंबर को जिरीबाम के बोरोबेकरा गांव में स्थित एक राहत शिविर में घुसने की कोशिश की, जहां आंतरिक रूप से विस्थापित 115 लोग रह रहे थे। हालांकि, सीआरपीएफ ने समय रहते हस्तक्षेप किया और आतंकवादियों की योजना को नाकाम कर दिया।

इस मुठभेड़ में सभी 10 उग्रवादी मारे गए, जबकि सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सीआरपीएफ के त्वरित और साहसी कदम से कई निर्दोष लोगों की जान बचाई गई और एक बड़े हमले को टाल दिया गया।

हमले में आठ लोगों की गई जान 

मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने सीआरपीएफ की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि अगर केंद्रीय बलों को तैनात नहीं किया गया होता, तो कई नागरिकों की जान चली जाती। उन्होंने बताया कि 10 कुकी उग्रवादी रॉकेट लॉन्चर, एके 47 और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होकर बोरोबेकरा में स्थित राहत शिविर पर हमला करने आए थे, जहां 115 मैतेई नागरिक रह रहे थे। 

उन्होंने पुलिस शिविर पर भी हमला किया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। हालांकि, सीआरपीएफ के समय पर हस्तक्षेप से राहत शिविर में रह रहे सभी 115 लोगों की जान बच गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण था कि हमले के बाद कुकी उग्रवादियों ने तीन छोटे बच्चों सहित एक परिवार के छह लोगों का अपहरण कर लिया और बाद में उनकी हत्या कर दी। बीरेन सिंह ने इसे असहनीय अपराध करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की।

उग्रवादियों ने दो समूह में बंटकर किया था हमला 

पुलिस सूत्रों ने बताया कि बोरोबेकरा में हमला करने से पहले कम से कम 24 संदिग्ध कुकी उग्रवादी दो समूहों में बंट गए थे। एक समूह ने छह मैतेई लोगों को बंधक बना लिया, जबकि दूसरे समूह के 10 उग्रवादियों ने घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की और मैतेई समुदाय के दो वरिष्ठ नागरिकों की हत्या कर दी। बाद में, सीआरपीएफ के साथ मुठभेड़ में इन 10 उग्रवादियों को मार गिराया गया।

यह हमलाएक बार फिर मणिपुर में हिंसा और संघर्ष की स्थिति को दिखाता है, जहां कुकी उग्रवादियों ने नागरिकों को निशाना बनाया। हालांकि, सीआरपीएफ के समय पर हस्तक्षेप ने कई नागरिकों की जान बचाई, लेकिन इस हिंसा के कारण आठ निर्दोष लोग अपनी जान गंवा बैठे।

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