MP News: एमपी में सचिव पद को लेकर चर्चाएं तेज, कौन होगा प्रदेश का अगला चीफ सेक्रेटरी? दौड़ में तीन आईएएस अफसर शामिल

MP News: एमपी में सचिव पद को लेकर चर्चाएं तेज, कौन होगा प्रदेश का अगला चीफ सेक्रेटरी? दौड़ में तीन आईएएस अफसर शामिल
Last Updated: 5 घंटा पहले

मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा का सेवा विस्तार सोमवार को समाप्त हो रहा है, जिससे नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं। राजेश राजौरा सहित कई नाम इस दौड़ में हैं। आगामी चयन प्रक्रिया में विभिन्न अधिकारियों पर विचार किया जा रहा है।

MP New CS: मध्य प्रदेश की मुख्य सचिव वीरा राणा सोमवार (30 सितंबर) को अपने पद से रिटायर हो जाएंगी। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी वीरा राणा का सेवा विस्तार 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है, जिसके चलते मध्य प्रदेश के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में कई नामों की चर्चा हो रही है। मुख्य सचिव की दौड़ में डॉ. राजेश राजौरा सबसे आगे नजर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि राजेश राजौरा मध्य प्रदेश के आईएएस अधिकारियों के अगले प्रमुख बन सकते हैं।

राजेश राजौरा का नाम शामिल

राजेश राजौरा के अलावा दो अन्य नामों की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। मुख्य सचिव के पद के लिए आईएएस अधिकारियों में उत्सुकता बढ़ गई है। हालांकि, यह पहली बार है जब पूरी विश्वास के साथ नहीं कहा जा सकता कि मध्य प्रदेश का अगला प्रशासनिक प्रमुख कौन होगा। दौड़ में सबसे आगे डॉ. राजेश राजौरा हैं। उल्लेखनीय है कि डॉ. राजेश राजौरा वर्ष 2004 में सिंहस्थ महापर्व के दौरान उज्जैन के कलेक्टर के रूप में भी कार्य कर चुके हैं।

सोमवार को मिल सकता है नया सचिव

प्रशासनिक गलियारों में मुख्य सचिव पद के लिए एसएन मिश्रा और अनुराग जैन के नामों पर विचार चल रहा है। ये दोनों नाम मुख्य सचिव के दावेदारों की सूची में शामिल किए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, सोमवार को मध्य प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल सकता है। वीरा राणा, जो मुख्य सचिव के पद तक पहुंचने वाली दूसरी महिला आईएएस अधिकारी हैं, को इस पद के लिए चर्चा में रखा गया है। वीरा राणा से पहले, निर्मला बुच मध्य प्रदेश की प्रशासनिक मुखिया रह चुकी हैं।

कौन होगा अगला मुख्य सचिव?

सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव की दौड़ में पहले स्थान पर डॉ. राजेश राजौरा का नाम है। आईएएस राजेश राजौरा को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का करीबी माना जाता है, जिसके कारण वे मुख्य सचिव पद के प्रमुख दावेदारों में शामिल हैं। 2004 में उज्जैन कलेक्टर के रूप में कार्य करते समय, राजेश राजौरा की मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ निकटता बढ़ी थी।

 

 

 

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