Mpox: भारत में Mpox का दूसरा मामला, एमपॉक्स कोरोना से कितना है खतरनाक? जानें मंकिपॉक्स और कोविद-19 में अंतर्

Mpox: भारत में Mpox का दूसरा मामला, एमपॉक्स कोरोना से कितना है खतरनाक? जानें मंकिपॉक्स और कोविद-19 में अंतर्
Last Updated: 20 सितंबर 2024

भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आने के बाद, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीमारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्यों को सावधानी बरतने के लिए एडवाइजरी जारी की है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था, जिससे इस वायरस को लेकर जागरूकता और एहतियात की जरूरत और भी बढ़ गई है।

Mpox Virus: भारत में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है, जहां दुबई से केरल लौटे एक 38 वर्षीय व्यक्ति में संक्रमण की पुष्टि हुई है। इस व्यक्ति का इलाज मलप्पुरम जिले में हो रहा है। इससे पहले, 9 सितंबर को देश में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि की गई थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि एक विदेश से लौटे व्यक्ति को 8 सितंबर को मंकीपॉक्स के लक्षणों के आधार पर आइसोलेशन में रखा गया था।

स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर तेजी से कार्रवाई की है और संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है। राज्यों को भी इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है।

केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी

मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी राज्य अपने स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारियों की समीक्षा करें और मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए हेल्थ एक्शन प्लान तैयार करें। सरकार का उद्देश्य है कि समय रहते संक्रमण पर नियंत्रण पाया जा सके और इसे फैलने से रोका जा सके।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 14 अगस्त को मंकीपॉक्स को "ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी" घोषित किया था। यह पिछले दो साल में दूसरी बार है जब WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। मंकीपॉक्स का संक्रमण कोरोना वायरस से भिन्न है, और इसके लक्षण भी अलग हैं। मंकीपॉक्स में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, और शरीर पर चकत्ते जैसे लक्षण देखे जाते हैं, जबकि कोरोना के लक्षणों में मुख्यतः श्वसन तंत्र से संबंधित समस्याएं होती हैं।

गौरतलब है कि भारत में कोविड-19 का पहला मामला भी केरल में ही सामने आया था, जब 30 जनवरी 2020 को तीन मेडिकल छात्र चीन के वुहान से लौटे थे।

मंकिपॉक्स और कोविद-19 में क्या है अंतर्?

कोरोना वायरस (SARS-COV-2) और मंकीपॉक्स वायरस (Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्स वायरस) के बीच प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं:

1. वायरस का प्रकार

   - कोरोना: SARS-COV-2 वायरस है, जो श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है।

   - मंकीपॉक्स: Poxviridae फैमिली का ऑर्थोपॉक्स वायरस है, जो त्वचा पर चकत्ते और अन्य शारीरिक लक्षण पैदा करता है।

2. लक्षण

- कोरोना: बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, गले में खराश, सिरदर्द, स्वाद और गंध का खोना।

- मंकीपॉक्स: बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, लिम्फ नोड्स की सूजन, और त्वचा पर चकत्ते जो दाने और फफोले के रूप में दिखाई देते हैं।

3. संक्रमण की गंभीरता

 - कोरोना: गंभीर श्वसन समस्याएं पैदा कर सकता है, जिससे मरीज को वेंटिलेटर की जरूरत पड़ सकती है। कुछ मामलों में यह घातक हो सकता है।

- मंकीपॉक्स: आमतौर पर कम गंभीर होता है और मृत्यु दर अपेक्षाकृत कम है, लेकिन संक्रमण से ठीक होने में अधिक समय लगता है।

4. संक्रामकता

 - कोरोना: बहुत तेजी से फैलने वाला वायरस है, जिससे बड़े पैमाने पर संक्रमण हो सकता है।

 - मंकीपॉक्स: यह कम संक्रामक है और सीधे संपर्क या शारीरिक तरल पदार्थ के आदान-प्रदान से फैलता है।

5. लक्षण दिखने का समय

   - कोरोना: संक्रमण के 2 से 14 दिन के भीतर लक्षण दिख सकते हैं।

   - मंकीपॉक्स: संक्रमण के 7 से 21 दिन के भीतर लक्षण उभर सकते हैं।

6. रिकवरी का समय

   - कोरोना: संक्रमित व्यक्ति 4 से 5 दिनों में ठीक हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में रिकवरी का समय लंबा हो सकता है।

   - मंकीपॉक्स: ठीक होने में आमतौर पर 2 से 4 हफ्ते लगते हैं।

 

क्या है मंकिपॉक्स ?

मंकीपॉक्स एक वायरल संक्रमण है, जो ऑर्थोपॉक्सवायरस फैमिली से संबंधित है। यह बीमारी दर्दनाक तो होती है, लेकिन कोरोना वायरस की तुलना में कम संक्रामक और कम घातक होती है। मंकीपॉक्स के बारे में कुछ मुख्य बातें इस प्रकार हैं:

1. संक्रमण की प्रकृति: मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर त्वचा के संपर्क, संक्रमित तरल पदार्थ, या श्वसन मार्ग के संपर्क से फैलता है। हालांकि, यह कोरोना जितना तेजी से नहीं फैलता है।

2. चेचक के टीके का प्रभाव: जिन लोगों को पहले चेचक का टीका लगाया गया है या जिन्हें पहले चेचक हुआ है, उनमें मंकीपॉक्स का संक्रमण होने का खतरा काफी कम होता है। चेचक का टीका मंकीपॉक्स के खिलाफ भी कुछ हद तक सुरक्षा प्रदान करता है।

3. मृत्यु दर: मंकीपॉक्स में मृत्यु दर आमतौर पर कम होती है। यह उन स्थानों में अधिक गंभीर हो सकता है जहां स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर इसका खतरा चेचक या कोरोना जितना गंभीर नहीं है।

4. लक्षण और रिकवरी: मंकीपॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, थकान, लिम्फ नोड्स की सूजन और त्वचा पर चकत्ते शामिल हैं। ये चकत्ते आमतौर पर चेहरे से शुरू होकर पूरे शरीर में फैलते हैं। ज्यादातर मरीज 2 से 4 सप्ताह में ठीक हो जाते हैं।

5. सावधानी और उपचार: मंकीपॉक्स से बचने के लिए संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क से बचना, व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखना और सतर्क रहना जरूरी है। वैक्सीन और एंटीवायरल दवाओं का उपयोग किया जा सकता है, हालांकि बीमारी का इलाज आमतौर पर लक्षणों के आधार पर होता है।

 

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