भारत में सोमवार को मंकी पॉक्स का पहला मामला सामने आया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट घोषित किया था और इसे 'ग्रेड 3 इमरजेंसी' के रूप में वर्गीकृत किया था। इस लेख में हम जानेंगे कि एमपॉक्स क्या है, यह कैसे फैलता है, और इसके लक्षण क्या हैं।
Monkeypox in india: सोमवार को जांच के दौरान भारत में एक मंकी पॉक्स का पहला मामला सामने आया है। ऐसे में WHO के अनुसार, "भारत में एमपॉक्स वायरस का एक नया मामला रिपोर्ट किया गया है। यह मामला जुलाई 2022 में भारत में दर्ज किए गए 30 मामलों से भिन्न है। वर्तमान में यह वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल का हिस्सा नहीं है, जो Mpox के 1 क्लेड से संबंधित है।"
WHO ने दी चेतावनी
मंत्रालय ने बताया कि 'यह एक युवा पुरुष है जो हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश से यात्रा करके लौट आया है। वर्तमान में, उसे आइसोलेशन में रखा गया है और उसकी स्थिति स्थिर है, साथ ही उसे कोई अन्य बीमारी भी नहीं है।'
केंद्र सरकार ने ग्लोबल एमपॉक्स प्रकोप को लेकर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए एक सलाह जारी की है, जिसमें सभी अधिकारियों से उचित सावधानी बरतने और एमपॉक्स के लक्षणों और उसके रोकथाम के बारे में जानकारी disseminate करने का अनुरोध किया गया है। यह चेतावनी ऐसे समय पर जारी की गई है जब एमपॉक्स का नया स्ट्रेन विश्व भर में तेजी से फैल रहा है, जिसके चलते WHO को इसे दो साल में दूसरी बार ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ा है।
वायरस को वैश्विक जन स्वास्थ्य आपातकाल किया घोषित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस वायरस को वैश्विक जन स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया और इसे 'ग्रेड 3 आपातकाल' के रूप में वर्गीकृत किया। इसका मतलब है कि इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, कई लोगों के मन में इस वायरस से संबंधित कुछ प्रश्न उठ रहे हैं, जैसे कि क्या है एमपॉक्स, कैसे फैलता है यह वायरस, इसके लक्षण और इसका बचाव क्या है? आइए जानें।
क्या है एमपॉक्स?
एमपॉक्स एक वायरल संक्रमण है जो मंकी पॉक्स वायरस (Monkeypox Virus, MPXV) के कारण होता है। यह वायरस ऑर्थोपॉक्सवायरस जीनस की एक प्रजाति है, जिसमें चेचक (Smallpox) भी शामिल है। एमपॉक्स को पहले मंकी पॉक्स के नाम से जाना जाता था, और यह वायरस का पहला प्रकोप 1958 में बंदरों में देखा गया था, इसलिए इसका नाम "मंकी पॉक्स" पड़ा।
कैसे फैलता है Mpox?
मिली जानकारी के अनुसार, एमपॉक्स (Mpox) एक वायरल संक्रमण है जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या जानवर के साथ संपर्क में आने से फैलता है। यह संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संक्रामक त्वचा, मुंह या जननांगों जैसे अन्य घावों के सीधे संपर्क के माध्यम से हो सकता है। मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में अधिकांश मामले उन लोगों में देखे गए हैं जो संक्रमित जानवरों के साथ संपर्क में रहते थे। इसके अलावा, यह किसी संक्रमित व्यक्ति, जानवर या दूषित वस्तुओं के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
Mpox, जिसे पहले मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता था, एक वायरल रोग है जो मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से फैलता है। यह रोग मुख्यतः निम्नलिखित तरीकों से फैलता है।
1. जब कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के साथ निकटता में आता है, जैसे कि गले लगाना या हाथ मिलाना, तो वायरस शरीर के तरल पदार्थों के माध्यम से फैल सकता है।
2. Mpox वायरस संक्रमित व्यक्ति की त्वचा पर मौजूद चकत्तों या घावों के संपर्क में आने से भी फैलता है। यदि कोई व्यक्ति इन घावों को छूता है, तो वह संक्रमित हो सकता है।
3. कुछ मामलों में, यह वायरस वायुमंडल में मौजूद कणों के माध्यम से भी फैल सकता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित व्यक्ति के निकटता में रहता है और वह व्यक्ति खांसता या छींकता है, तो वायरस हवा में फैल सकता है।
4. Mpox वायरस कुछ जानवरों, जैसे कि गिलहरियों और अन्य वन्य जीवों, के माध्यम से भी फैल सकता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित जानवर के संपर्क में आता है या उसके मांस का सेवन करता है, तो वह भी संक्रमित हो सकता है।
Mpox के लक्षण
एमपॉक्स एक वायरल बीमारी है जो मुख्य रूप से छोटे जानवरों से मनुष्यों में फैलती है। इसके लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर इसमें शामिल होते हैं:
1. मरीज को बुखार महसूस हो सकता है, जो संक्रमण की शुरुआत का संकेत है।
2. व्यक्ति को अत्यधिक थकान और कमजोरी का अनुभव हो सकता है।
3. सिर में तेज दर्द होने की संभावना रहती है।
4. शरीर के लिम्फ नोड्स में सूजन आने की समस्या हो सकती है।
5. संक्रमण के बाद, शरीर पर चकत्ते (रैशेज) दिखाई दे सकते हैं, जो बाद में फफोलों में बदल सकते हैं।
6. कुछ मामलों में पेशाब का रंग बदल सकता है। यदि आपको इनमें से कोई लक्षण महसूस होता है, तो तुरंत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करें। समय पर इलाज से बीमारी को नियंत्रित किया जा सकता है।
कितने दिनों में दिखेंगे लक्षण?
रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, एमपॉक्स के लक्षण वायरस के संपर्क में आने के 21 दिनों के भीतर प्रकट होने लगते हैं। एमपॉक्स के संपर्क में आने और लक्षणों के प्रकट होने का समय 3 से 17 दिन के बीच होता है। इस अवधि के दौरान व्यक्ति में कोई लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन जैसे ही यह समय पूरा होता है, वायरस का प्रभाव नजर आने लगता है।
Mpox से बचने का उपाय
मंकी पॉक्स वायरस (MPXV) संक्रमण के लिए कोई विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है, लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने एमपॉक्स के खिलाफ कुछ टीकों की सिफारिश की है। एमपॉक्स वैक्सीन संक्रमण और गंभीर बीमारी से सुरक्षा प्रदान कर सकती हैं, लेकिन कोई भी वैक्सीन 100 प्रतिशत प्रभावी नहीं होती। वैक्सीनेशन के बाद शरीर में इम्यूनिटी बढ़ने में कई हफ्ते लग सकते हैं।
यदि किसी व्यक्ति को एमपॉक्स के संपर्क में आने के चार दिनों के भीतर टीका लगवाया जाए, तो यह बीमारी से बचने का सबसे अच्छा अवसर प्रदान करता है। इसके अलावा, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के चार से 14 दिनों के भीतर वैक्सीन लगवाने से बीमारी की गंभीरता को कम किया जा सकता है।
भारत में Mpox का बढ़ा खतरा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकी पॉक्स के संदिग्ध मामले के बारे में कहा है, “इसको लेकर 'अतिरिक्त चिंता' की कोई आवश्यकता नहीं है। यह मामला नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा देखा जा रहा है।” देश ऐसे मामलों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित और कम करने के लिए मजबूत व्यवस्थाएँ की गई हैं।
पिछले महीने से ही एयरपोर्ट, बंदरगाहों और लैंड क्रॉसिंग पर स्वास्थ्य इकाइयों को सतर्क रखा गया है। लेबोरेटरी और आइसोलेशन केंद्रों को भी पूरी तैयारी के साथ रखा गया है।.