मुंबई के डोंगरी इलाके में गुरुवार की आधी रात को एक चार मंजिला इमारत का हिस्सा ढह गया, जिससे पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। हालांकि, राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन इमारत के गिरने से इलाके में दहशत फैल गई। इमारत को पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था और इसकी मरम्मत का काम चल रहा था, लेकिन इससे पहले ही यह हादसा हो गया।
इमारत को पहले ही असुरक्षित घोषित किया गया था
हादसे के बाद अधिकारियों ने बताया कि यह इमारत पहले से ही कमजोर हो चुकी थी और उसे असुरक्षित घोषित किया गया था। इमारत के गिरने से आसपास के लोग भी डर गए थे, लेकिन राहत की बात यह रही कि मलबे में कोई फंसा नहीं था। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। दमकल विभाग और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और मलबे से मलबे को हटाने का काम किया जा रहा है।
कांग्रेस विधायक का आरोप: मरम्मत का काम नहीं हुआ
इस हादसे को लेकर कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने आरोप लगाया कि इमारत में पहले से ही कई दरारें थीं और मरम्मत के लिए धन की व्यवस्था की जा रही थी, लेकिन काम नहीं हुआ। उन्होंने कहा, "यह नूर विला नामक इमारत थी, जो बहुत पुरानी थी और उसमें कई दरारें आ गई थीं। मरम्मत के लिए धन की व्यवस्था की गई थी, लेकिन मरम्मत का काम पूरा नहीं हो पाया और आज इसका एक हिस्सा गिर गया।"
विधायक ने स्थानीय अधिकारियों और नगर निगम पर भी सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यदि समय रहते इस इमारत की मरम्मत की जाती, तो शायद यह हादसा टल सकता था। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे हादसों से नागरिकों की जान जोखिम में पड़ जाती है, और प्रशासन को इस तरह के मामलों में शीघ्र कार्रवाई करनी चाहिए।
राहत कार्य जारी, प्रशासन सतर्क
इमारत के गिरने के बाद स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया। दमकल विभाग के कर्मचारियों ने मलबे में किसी के दबे होने की संभावना को खारिज किया, लेकिन सुरक्षा कारणों से इलाके में फायर ब्रिगेड की टीम मौजूद रही। पुलिस ने भी इलाके को खाली करवा लिया और आसपास के लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया।
अधिकारियों के अनुसार, इमारत के गिरने का कारण संरचनात्मक कमजोरी हो सकती है, लेकिन इसकी जांच के बाद ही वास्तविक कारण का पता चल सकेगा। फिलहाल, प्रशासन ने मलबे को हटाने और इलाके को सुरक्षित करने का काम तेज़ी से शुरू कर दिया है।
इमारतों की सुरक्षा पर सवाल
इस हादसे ने मुंबई में पुरानी और असुरक्षित इमारतों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। शहर में कई ऐसी इमारतें हैं, जिन्हें असुरक्षित घोषित किया गया है, लेकिन मरम्मत का काम अभी भी लंबित है। यह घटना इस बात का संकेत देती है कि प्रशासन को इन इमारतों की स्थिति को गंभीरता से लेकर समय रहते मरम्मत का काम पूरा करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
मुंबई के डोंगरी इलाके में हुई यह इमारत गिरने की घटना, असुरक्षित इमारतों की मरम्मत में प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। हालांकि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन यह घटना नागरिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। स्थानीय प्रशासन को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए अधिक सतर्क और सक्रिय होना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से नागरिकों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।