Nagpur Violence: नागपुर में क्यों भड़की हिंसा? जांच में सामने आईं तीन बड़ी घटनाएं, आइए जानें 

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नागपुर में हिंसा भड़कने की वजह तीन घटनाएं रहीं। वीएचपी-बजरंग दल के प्रदर्शन, नमाज के बाद विरोध और शाम को हुए पथराव-आगजनी ने माहौल बिगाड़ा। 47 लोग हिरासत में लिए गए।

Nagpur Violence: नागपुर में सोमवार (17 मार्च) की शाम भड़की हिंसा देर रात तक जारी रही, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस मामले में दर्ज हुई एफआईआर में तीन प्रमुख घटनाओं का जिक्र किया गया है, जिनके कारण हालात बिगड़ते चले गए।

वीएचपी-बजरंग दल का प्रदर्शन बना विवाद की वजह

एफआईआर के मुताबिक, नागपुर के गणेशपेठ थाना क्षेत्र में सोमवार सुबह विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के 200 से 250 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की खबर हटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रतीकात्मक कब्र जलाने की घटना सामने आई। इसके बाद पुलिस ने वीएचपी और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया।

नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय का प्रदर्शन

दोपहर में छत्रपति शिवाजी महाराज पुतले के पास स्थित इलाके में नमाज के बाद मुस्लिम समुदाय के 200-250 लोग इकट्ठा हुए और नाराजगी जाहिर की। उनका आरोप था कि जलाई गई प्रतीकात्मक कब्र पर हरे रंग का कपड़ा था, जिस पर कुरान की आयतें लिखी थीं। इस घटना के बाद भीड़ ने उग्र रुख अपना लिया और आगजनी की धमकी दी।

शाम होते-होते हिंसा ने लिया उग्र रूप

हालात को संभालने के लिए पुलिस ने दोपहर तीन बजे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों को थाने बुलाकर उनकी शिकायत दर्ज की और कड़ी कार्रवाई का आश्वासन देकर भीड़ को वापस भेज दिया। लेकिन शाम होते-होते हिंसा भड़क उठी। हंसापुर इलाके में करीब 200-300 लोगों की भीड़ ने नारेबाजी करते हुए पथराव और आगजनी शुरू कर दी।

अग्रसेन चौक पर पहला टकराव

एफआईआर में दर्ज घटनाओं के अनुसार, पहला बड़ा टकराव सुबह 11 बजे अग्रसेन चौक पर हुआ, जब दो पक्ष आमने-सामने आ गए और पथराव होने लगा। इस दौरान छह बाइकों और दो गाड़ियों को नुकसान पहुंचा, जबकि एक व्यक्ति घायल हो गया। इसी स्थान पर आधे घंटे बाद रजा खान नाम के 18 वर्षीय युवक के सिर पर हमला किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया।

सात बजे के बाद हिंसा ने मचाया तांडव

शाम करीब 7:30 बजे हिंसा और अधिक भड़क गई। उग्र भीड़ ने एक क्रेन, दो जेसीबी और तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा, 20 बाइकों और एक सरकारी वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया।

47 लोग हिरासत में

इस हिंसा में पुलिसकर्मियों को भी चोटें आईं। तीन डीसीपी, एक एसीपी, 14 पुलिस अधिकारी और 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने सख्त कार्रवाई करते हुए 47 लोगों को हिरासत में लिया है, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं।

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