बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज, 23 दिसंबर 2024 से अपनी बहुप्रतीक्षित ‘प्रगति यात्रा’ की शुरुआत की। इस यात्रा का पहला चरण पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया से आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री ने यहां चल रही सरकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों के साथ बैठकों में भाग लिया। आज रात वे बाल्मीकि नगर में ठहरेंगे। यह यात्रा 28 दिसंबर तक चलेगी और इसमें राज्य के कई जिलों का दौरा किया जाएगा।
यात्रा का उद्देश्यमुख्यमंत्री की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर चल रही विकास योजनाओं का आकलन करना है। नीतीश कुमार जनता से सीधे संवाद स्थापित करके यह जानने की कोशिश करेंगे कि सरकार की योजनाएं किस हद तक प्रभावी हैं और कहां सुधार की आवश्यकता हैं।
पहले दिन का कार्यक्रम सुबह 9 बजे, मुख्यमंत्री ने अपने आवास ‘एक अने मार्ग’ से पटना एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान किया। वहां से वे हेलीकॉप्टर के माध्यम से पश्चिम चंपारण पहुंचे। बेतिया में उन्होंने स्थानीय प्रशासन और अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके बाद वे वाल्मीकि नगर के घोटहवा टोला पहुंचे, जहां उन्होंने जनता को संबोधित किया और सरकारी योजनाओं की जानकारी साझा की।
· एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन: मुख्यमंत्री ने जिले में बने एसडीआरएफ ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन किया।
· मनरेगा पार्क का निरीक्षण: मुख्यमंत्री ने मनरेगा पार्क का दौरा किया, जिसे आकर्षक रूप दिया गया हैं।
· बेतिया बाईपास रोड का निरीक्षण: उन्होंने बेतिया बाईपास रोड का निरीक्षण किया और इसके निर्माण की प्रगति की जानकारी ली।
यात्रा का विस्तृत शेड्यूल
· 24 दिसंबर: पूर्वी चंपारण के मोतिहारी का दौरा। शाम को पटना वापसी।
· 25 दिसंबर: क्रिसमस अवकाश। मुख्यमंत्री पटना में रहेंगे।
· 26 दिसंबर: शिवहर और सीतामढ़ी जिलों का दौरा। दोनों जगहों पर विकास योजनाओं की समीक्षा।
· 27 दिसंबर: मुजफ्फरपुर का दौरा। शाम को पटना वापसी।
· 28 दिसंबर: वैशाली के विभिन्न इलाकों का दौरा।
यात्रा में शामिल प्रमुख लोगमुख्यमंत्री के साथ उनकी कैबिनेट के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, और विभिन्न विभागों के प्रधान सचिव यात्रा में शामिल हैं। इनमें मंत्री विजय कुमार चौधरी और राज्यसभा सांसद संजय झा प्रमुख हैं।
विपक्ष का रुखनीतीश कुमार की ‘प्रगति यात्रा’ को लेकर विपक्ष ने भी बयानबाजी तेज कर दी है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे ‘नौटंकी’ करार देते हुए कहा कि केवल दौरे करने से जनता की समस्याएं खत्म नहीं होंगी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जिन योजनाओं का उद्घाटन हो रहा है, वे पहले से क्यों अधूरी थीं।
जनता का क्या है फीडबैक?मुख्यमंत्री की इस यात्रा को जनता के बीच सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है। लोगों का मानना है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का निरीक्षण सरकार के कामकाज को बेहतर बनाएगा। हालांकि, कुछ लोग इसे महज औपचारिकता मानते हैं। आगे की योजनायह यात्रा 28 दिसंबर को समाप्त होगी, जिसके बाद इसके दूसरे चरण का शेड्यूल जारी किया जाएगा। नीतीश कुमार की यह पहल राज्य में विकास कार्यों की गति बढ़ाने के साथ ही प्रशासनिक पारदर्शिता को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।