पालघर में फर्जी फर्मों के माध्यम से 25 करोड़ रुपये से अधिक का GST (Goods and Services Tax) लाभ उठाने और इनपुट टैक्स क्रेडिट (input tax credit) के फर्जी दावे करने पर केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. अधिकारियों ने बताया कि यह धोखाधड़ी उस समय सामने आई जब महाराष्ट्र में सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स) के पालघर कमिश्नरेट ने एक ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के खिलाफ जांच पड़ताल की तो पता चला की यह तो अस्तित्व में ही नहीं हैं।
मुंबई, पालघर: केंद्रीय जीएसटी अधिकारियों ने पालघर में एक रैकेट का पर्दाफाश (भंडाफोड़) किया है. फर्जी कंपनी और फर्जी चालान की सहायता से 24.800 करोड़ (लगभग 25 करोड़) रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) की धोखाधड़ी (Fraud) की गई है. इस मामले में एक व्यक्ति गिरफ्तार किया गया है. अधिकारियों ने निश्चित हैकनप ट्रेडिंग (ओपीसी) प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ छानबीन शुरू की जिसमे पाया कि यह तो अस्तित्व (Existence) में ही नहीं हैं।
15.2 करोड़ की आईटीसी का उठाया लाभ
Subkuz.com की जानकारी के अनुसार कंपनी के निदेशक नीलेश कुमार शाह ने GST अधिकारियों को बताया कि उन्होंने किरण कुमार कंथारिया और मनीष बी शाह के निर्देश पर जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) फ्रॉड के लिए OPC और कई अन्य फर्जी फर्में बनाई थीं। बताया गया है कि कंथारिया द्वारा बनाई गई फर्जी फर्मों के माध्यम से वस्तुओं या सेवाओं की आपूर्ति के बिना ही फर्जी चालान का उपयोग करके 11.08 करोड़ रुपये की अयोग्य आईटीसी पारित की और 15.2 करोड़ रुपये की आईटीसी का लाभ प्राप्त किया।
जानकारी के अनुसार इनपुट टैक्स क्रेडिट का मतलब किसी पंजीकृत व्यक्ति या कंपनी द्वारा व्यवसाय में इनपुट के रूप में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं या सेवाओं की खरीदारी पर भुगतान किया गया जीएसटी है. कुछ शर्तों के आधार पर इकाई द्वारा बिक्री पर देय जीएसटी के द्वारा आईटीसी को कम किया जा सकता है. अधिकारी ने बताया कि छानबीन के दौरान प्राप्त सबूतों के आधार पर कंथारिया को सीजीएसटी अधिनियम के तहत हिरासत ( Arrested) किया गया।