RG Kar Case: जूनियर डॉक्टरों ने किया बड़ा खुलासा, कहा - 'आरजी कर अस्पताल में मंगाई जाने वाली घटिया दवाई से कई मरीजों की जान चली गई

RG Kar Case: जूनियर डॉक्टरों ने किया बड़ा खुलासा, कहा - 'आरजी कर अस्पताल में मंगाई जाने वाली घटिया दवाई से कई मरीजों की जान चली गई
Last Updated: 9 घंटा पहले

जूनियर डॉक्टरों ने संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्हें गंदी दवाओं की शिकायत करने पर परीक्षा में फेल करने की धमकी मिलती थी। इसके अलावा, कुछ डॉक्टरों का यह भी कहना है कि उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई थी।

कोलकाता: आरजी कर अस्पताल के कुछ जूनियर डॉक्टरों ने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके कार्यकाल में निम्न गुणवत्ता की दवाएं मंगाई गईं, जिससे करोड़ों रुपये की अवैध कमाई हुई। डॉक्टरों का दावा है कि इन दवाओं, विशेषकर एंटीबायोटिक्स, की खराब गुणवत्ता के कारण कई मरीजों की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने संदीप घोष से इस मामले की शिकायत की, तो उन्हें परीक्षा में फेल करने की धमकी मिली, साथ ही फोन पर जान से मारने की भी धमकी दी गई।

इस मामले को लेकर जूनियर चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग से भी शिकायत की थी। हालांकि, स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने कहा कि जब भी ऐसी शिकायतें मिली हैं, संबंधित दवाओं की जांच कराई गई है, लेकिन किसी भी जांच में गलत रिपोर्ट नहीं मिली। यह स्थिति डॉक्टरों और स्वास्थ्य प्रशासन के बीच एक गंभीर विवाद का रूप ले सकती हैं।

सीबीआई को संदीप घोष के घर से मिली आरटीआई

सीबीआई ने संदीप घोष के घर से तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं, जिनमें 288 पन्नों का आरटीआई और आरोप पत्र, 730 पन्नों के टेंडर दस्तावेज और 510 पन्नों की गोपनीय रिपोर्ट शामिल हैं। सीबीआई इन दस्तावेजों की उत्पत्ति की जांच कर रही है कि ये संदीप घोष के घर पर कैसे पहुंचे। इसके साथ ही, जांच एजेंसी यह भी जानने की कोशिश कर रही है कि संदीप घोष ने सरकारी -टेंडर के संबंध में टाला थाने के पूर्व प्रभारी अभिजीत मंडल को पत्र क्यों भेजा था। यह सब मिलकर मामले की गंभीरता को बढ़ा रहा है और सीबीआई की जांच को और भी पेचीदा बना रहा हैं।

अस्पताल के गेस्ट हाउस में चलती थी शराब पार्टी - जूनियर डॉक्टर

बर्द्धमान मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के गेस्ट हाउस में आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर अभिक दे और उनके साथी जूनियर डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कहा जा रहा है कि इन डॉक्टरों ने रात भर शराब की पार्टी आयोजित की, जिसमें प्रथम और द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्राओं को जबरदस्ती बुलाया गया।

छात्राओं को डरा-धमकाकर गेस्ट हाउस लाया जाता था, जहां उन्हें भोजन और शराब परोसने के लिए कहा जाता था। इसके अलावा, छात्राओं को मेहमानों का मनोरंजन करने का भी आदेश दिया जाता था। अगर कोई छात्रा पार्टी में शामिल नहीं होती, तो उन्हें परीक्षा में फेल होने और पंजीकरण रोकने की धमकी दी जाती। यह मामला कॉलेज में गंभीर चिंताओं का विषय बन गया है और इसकी जांच की जा रही हैं।

जूनियर डॉक्टरों ने लगाया दादागिरी का आरोप

अस्पताल के प्रशिक्षु चिकित्सकों ने स्वास्थ्य विभाग की चार सदस्यीय कमेटी के पास कई लिखित शिकायतें की हैं। इस समिति का गठन निलंबित जूनियर चिकित्सक अभिक के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के लिए किया गया है। अभिक पर भ्रष्टाचार, दादागिरी, जबरन वसूली और धमकी देने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। प्रशिक्षु चिकित्सकों ने आरोप लगाया है कि अभिक और उनके साथी जूनियर डॉक्टरों ने केवल छात्राओं को डरा-धमका कर पार्टी में बुलाया, बल्कि उनके साथ अनियमितताएं भी की हैं। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत कार्रवाई करने का आश्वासन दिया हैं।

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