Tamil Nadu: तमिलनाडु सरकार का बड़ा ऐलान! किसानों को मिलेगा विशेष पैकेज, अंतरराष्ट्रीय भ्रमण का भी अवसर

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विधानसभा में 2025-26 का कृषि बजट पेश करते हुए पन्नीरसेल्वम ने किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा की घोषणा की, जिससे वे जापान, चीन और वियतनाम में आधुनिक धान उत्पादन तकनीक सीख सकें।

Tamil Nadu: तमिलनाडु सरकार ने किसानों के लिए बड़ी घोषणाएं की हैं। कृषि बजट 2025-26 के दौरान राज्य सरकार ने धान उत्पादकों के लिए विशेष पैकेज, अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर यात्रा, किसान सेवा केंद्रों की स्थापना और कृषि वानिकी नीति की शुरुआत का ऐलान किया।

धान उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष पैकेज

तमिलनाडु सरकार 29 गैर-कावेरी डेल्टा जिलों में कर, कुरुवई और सोरनवारी मौसम के दौरान धान की खेती और खाद्यान्न उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 102 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की है। इस पैकेज में किसानों को मशीन से रोपण और गुणवत्ता प्रमाणित बीजों के लिए सब्सिडी दी जाएगी।

इसके अलावा, डेल्टा जिलों में कुरुवई फसल के दौरान रकबा और खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाने के लिए 58 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज भी प्रदान किया जाएगा।

राज्य में धान की खेती: तमिलनाडु के कावेरी डेल्टा जिलों में 18 लाख एकड़ और गैर-डेल्टा जिलों में 34 लाख एकड़ क्षेत्र में धान की खेती की जाती है।

किसानों के लिए अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर यात्रा

सरकार किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों से अवगत कराने के लिए जापान, चीन और वियतनाम की एक्सपोजर यात्रा पर भेजेगी। इस यात्रा के लिए 2 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है। इस योजना के तहत 100 प्रगतिशील किसानों को विदेश भ्रमण कराया जाएगा ताकि वे वहां की नवीनतम कृषि तकनीकों को सीखकर अपनी खेती में सुधार कर सकें।

कृषि वानिकी नीति होगी लागू

तमिलनाडु सरकार चंदन, लाल चंदन, महोगनी और शीशम जैसे मूल्यवान पेड़ों की खेती को बढ़ावा देने के लिए तमिलनाडु कृषि वानिकी नीति का अनावरण करेगी।

इसके प्रमुख उद्देश्य:

- वृक्षारोपण को प्रोत्साहन देना
- लकड़ी के पंजीकरण, कटाई, परिवहन और विपणन की प्रक्रियाओं को आसान बनाना
- हरित तमिलनाडु अभियान को सफल बनाना
- किसानों की आय बढ़ाने के लिए उच्च मूल्य वाले पेड़ों की खेती को प्रोत्साहित करना
- सरकार का मानना है कि वृक्ष वर्षा में सहायता करते हैं, मिट्टी की गुणवत्ता सुधारते हैं और जैव विविधता बनाए रखते हैं, जिससे कृषि उत्पादकता में वृद्धि होती है।

मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्रों की स्थापना

राज्य में 1,000 मुख्यमंत्री किसान सेवा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जिनकी अनुमानित लागत 10-20 लाख रुपये होगी। सरकार इस पर 30 प्रतिशत सब्सिडी देगी, जिससे प्रति केंद्र 3-6 लाख रुपये की सहायता मिलेगी।

इन केंद्रों की विशेषताएं:

- किसानों को बीज, उर्वरक और कृषि उपकरण मिलेंगे
- फसल उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेषज्ञ मार्गदर्शन मिलेगा
- कीट और रोग प्रबंधन पर सलाह दी जाएगी
- आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी उपलब्ध होगी
- इस योजना के लिए 42 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है।

पहाड़ी किसान विकास योजना

तमिलनाडु सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए मलाईवाज उझावर मुनेत्र थिट्टम (पहाड़ी किसान विकास योजना) की घोषणा की है।

इस योजना के तहत:

- 20 जिलों के 63,000 पहाड़ी किसानों को लाभ मिलेगा
- कुल 22.80 करोड़ रुपये की लागत से यह योजना लागू होगी
- लघु बाजरा, सब्जियों और अन्य फसलों की खेती को बढ़ावा मिलेगा
- किसानों को कृषि मशीनरी और मूल्य संवर्धन तकनीकों में सहायता मिलेगी

मक्का उत्पादन को मिलेगा बढ़ावा

- तमिलनाडु सरकार केंद्र और राज्य निधि के तहत 40.27 करोड़ रुपये की लागत से 1.87 लाख एकड़ में मक्का उत्पादन को बढ़ावा देगी।

- इसके अलावा, 37 जिलों में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 12 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज दिया जाएगा।

फसल बीमा योजना का विस्तार

प्राकृतिक आपदाओं के कारण फसल को नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए फसल बीमा योजना लागू की जाएगी। इस योजना के तहत 2025-26 में 841 करोड़ रुपये की लागत से 35 लाख एकड़ कृषि भूमि को कवर किया जाएगा।

बीते वर्षों में हुए भुगतान

- पिछले 4 वर्षों में 20.84 लाख किसानों को 1,631.53 करोड़ रुपये की राहत दी गई
- 30 लाख किसानों को फसल बीमा मुआवजे के रूप में 5,242 करोड़ रुपये प्रदान किए गए

कृषि क्षेत्र के लिए नई योजनाओं का ऐलान

- राज्य सरकार कृषि स्नातकों और डिप्लोमा धारकों की विशेषज्ञता का उपयोग किसानों के कल्याण और कृषि विकास के लिए करेगी।
- ग्रीष्मकालीन जुताई को बढ़ावा देने के लिए 24 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे तीन लाख एकड़ क्षेत्र को लाभ मिलेगा।

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