Telangana Tunnel Collapse: सुरंग में 13.5 किमी अंदर फंसे 8 लोगों से अब तक नहीं हुआ संपर्क, बचाव कार्य जारी

🎧 Listen in Audio
0:00

तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढह जाने से आठ लोग फंस गए हैं। इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा हैं। 

हैदराबाद: तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढह जाने से आठ लोग फंस गए हैं। इन लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया जा रहा है। राज्य सरकार, सेना, एनडीआरएफ, और विशेषज्ञों की टीमें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। हादसे के बाद से अब तक फंसे हुए लोगों से कोई संपर्क नहीं हो पाया है, जिससे बचाव दल की चिंता बढ़ गई हैं। 

टनल हादसे से जुड़े 10 प्रमुख अपडेट

* हादसे का समय और स्थान – यह घटना नगरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम सुरंग नहर परियोजना के तहत हुई, जब 50 से अधिक मजदूर टनल में कार्य कर रहे थे।

* कौन फंसे हैं अंदर? – फंसे हुए लोगों में दो इंजीनियर, दो ऑपरेटर और चार मजदूर शामिल हैं। ये सभी उत्तर प्रदेश, झारखंड, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के निवासी बताए जा रहे हैं।

* कैसे हुआ हादसा? – टनल में काम करने के दौरान अचानक छत ढह गई, जिससे 13.5 किलोमीटर अंदर मौजूद 8 लोग फंस गए, जबकि 42 अन्य किसी तरह बाहर निकलने में सफल रहे।

* बचाव कार्य की जटिलता – बचाव दल के अनुसार, सुरंग के अंदर मलबे का ढेर जमा हो गया है और पानी भरा हुआ है, जिसे निकालने के बाद ही आगे की कार्रवाई संभव हो सकेगी।

* एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों की तैनाती – एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, और खनन विशेषज्ञों की मदद से मलबा हटाने और फंसे हुए लोगों तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है।

* ड्रोन और अन्य तकनीकों का उपयोग – बचाव कार्य में ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है ताकि सुरंग के भीतर की स्थिति का आकलन किया जा सके।

* विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है – उत्तराखंड के सिल्कीरा टनल हादसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल विशेषज्ञों को बुलाया गया है।

* मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री की निगरानी – मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत कर केंद्र सरकार से मदद मांगी है। पीएम मोदी ने हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है।

* टीमें अंदर जाने से हिचकिचा रही हैं – सुरंग से अभी भी तेज आवाजें आ रही हैं, जिससे बचाव दल आगे बढ़ने से पहले पूरी सतर्कता बरत रहे हैं।

* स्थानीय प्रशासन की सतर्कता – राज्य के सिंचाई मंत्री एन. उत्तम कुमार रेड्डी ने बताया कि सरकार बचाव कार्य में किसी भी तरह की देरी नहीं होने देगी और विशेषज्ञों की मदद से जल्द से जल्द लोगों को सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रही हैं।

रेस्क्यू मिशन में अब तक की सबसे बड़ी चुनौती

रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी समस्या सुरंग में भरा पानी और भारी मलबा है। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडर सुखेंदु के अनुसार, मलबे से भरा 200 मीटर का एक पैच है, जिसे साफ करने में समय लगेगा। जब तक यह नहीं हटाया जाता, तब तक फंसे हुए श्रमिकों की सटीक लोकेशन का पता नहीं चल सकेगा। टीमों ने फंसे हुए मजदूरों के नाम पुकारकर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। इससे बचाव दल की चिंता और बढ़ गई हैं।

आगे की रणनीति क्या होगी?

फिलहाल, प्राथमिकता सुरंग में भरे पानी को निकालना और उसके बाद मलबा हटाने की है। इसके बाद ही अंदर फंसे लोगों तक पहुंचना संभव हो सकेगा। सरकार ने इस आपदा को लेकर हरसंभव कदम उठाने का भरोसा दिया है और बचाव कार्य को तेज करने के निर्देश दिए हैं। अब सभी की नजरें इस बचाव अभियान पर टिकी हैं कि कब तक फंसे हुए लोगों तक पहुंचा जा सकेगा और उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला जा सकेगा।

Leave a comment