गाजीपुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने वाले अफजाल अंसारी संसद पहुंचने के बाद भी लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सके। क्योंकि गैंगस्टर एक्ट के तहत उन्हें चार साल की सजा सुनाई गई थी, जिसकी सुनवाई हाई कोर्ट में अभी चल रही हैं।
गाजीपुर: समाजवादी पार्टी से सांसद चुने गए अफजाल अंसारी मंगलवार को लोकसभा सदन में पहुंचने के बाद भी सदस्य के रूप में शपथ नहीं ले सके। इसका मुख्य कारण गैंगस्टर एक्ट के तहत मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई को बताया गया है। हाई कोर्ट में उनके खिलाफ दर्ज मामले की तीन जुलाई को सुनवाई होने वाली है। इसके बाद ही अफजाल अंसारी के शपथ लेने की संभावना जाताई जा सकती है। बता दें कि अफजाल गाजीपुर से लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं। अफजाल के शपथ न लेने को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने अखिलेश यादव को जिम्मेदार बताया हैं और साथ ही उनपर संविधान के साथ खिलवाड़ का आरोप भी लगाया हैं।
कोर्ट ने अफजाल अंसारी को सुनाई थी सजा
Subkuz.com ने जानकारी के आधार पर बताया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत एमपी-एमएलए कोर्ट ने पिछले वर्ष अफजाल अंसारी को चार साल की सजा सुनाई थी। इसके कारण उनकी संसद की सदस्यता भी निरस्त हो गई थी। अफजाल ने इस आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी लेकिन वहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले से पहले कहां था कि जब तक हाई कोर्ट से अफजाल की अपील पर कोई निश्चित फैसला नहीं आ जाता तब तक वह न तो संसद की किसी कार्यवाही में हिस्सा ले सकेंगे और न ही सदन में किसी मुद्दे पर अपना वोट देंगे। इसी कारण उन्हें संसद के सदस्य की शपथ नहीं दिलाई गई।
बसपा ने अखिलेश पर लगाया आरोप
बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे डॉ. उमेश कुमार सिंह ने अफजाल अंसारी के शपथ न लेने का समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को जिम्मेदार ठहराते हुए कहां कि अखिलेश ने जनपद की जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। अखिलेश भली भाती जानते थे कि अफजाल को चार साल की सजा हो चुकी है। इसके बावजूद उन्होंने गैर जिम्मेदाराना हरकत करते हुए अफजल को पार्टी का टिकट दिया। उन्होंने संविधान बचाने के नाम पर संविधान के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ किया हैं।
बताया गया हैं कि जब सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहां कि अफजाल संसद की किसी भी कार्यवाही में शामिल नहीं हो सकते। इसके बाद भी उन्होंने संसद भवन में प्रवेश क्यों किया। इसके लिए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करना चाहिए। वहीं, पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने कहां कि अफजाल का शपथ न ले पाना एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। लेकिन कोर्ट के फैसले को देखते हुए समाजवादी पार्टी को गाजीपुर की जनता के साथ इतना बड़ा दोखा नहीं करना चाहिए था। इतिहास में शायद पहली बार ऐसा हुआ होगा कि नवनिर्वाचित सांसद संसद भवन में पहुंचने के बाद भी शपथ लिए बिना ही लौट आया। अफजाल अंसारी को कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए संसद में जाना ही नहीं होना चाहिए था।