Varanasi: वाराणसी में धार्मिक विवाद! मंदिरों से हटाई गई साईं की प्रतिमा, जानें क्यूं लिया प्रशासन ने यह एक्शन?

Varanasi: वाराणसी में धार्मिक विवाद! मंदिरों से हटाई गई साईं की प्रतिमा, जानें क्यूं लिया प्रशासन ने यह एक्शन?
Last Updated: 01 अक्टूबर 2024

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित मंदिरों से साईं प्रतिमा को हटाने की खबरें सामने आई हैं। आइए जानें कि इसके पीछे का कारण क्या है, इस रिपोर्ट में।

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में स्थित मंदिरों में साईं बाबा की प्रतिमा को लेकर विवाद गहरा गया है। अब तक 14 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटा दी गई है, जिसमें प्रसिद्ध बड़ा गणेश मंदिर भी शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, यह कार्य सनातन रक्षक सेना के अध्यक्ष अजय शर्मा के नेतृत्व में किया जा रहा है।

28 मंदिर और निशाने पर

जानकारी के अनुसार, हिंदू संगठनों के निशाने पर 28 और मंदिर हैं। हिंदू संगठनों का आरोप है कि साईं मुस्लिम हैं और उनका सनातन धर्म से कोई संबंध नहीं है, इसलिए उनकी प्रतिमा को हटाया जा रहा है। इन संगठनों का कहना है कि वे साईं की पूजा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वे मंदिरों में उनकी मूर्ति को स्थापित नहीं होने देंगे।

मीडिया से बातचीत करते हुए दीपक यादव ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, साईं बाबा को चांद बाबा के नाम से पुकारा जाना चाहिए। इसी संदर्भ में रविवार को बातचीत के बाद साईं की प्रतिमाओं को मंदिरों से हटा दिया गया।

मूर्ति को लेकर दीपक यादव का बयान 

दीपक ने कहा कि जब प्रतिमा की स्थापना की जा रही थी, तब इसका विरोध किया जाना चाहिए था। जब मूर्ति स्थापित हो गई, तब विरोध करना उचित नहीं था। आज अंततः मूर्ति को हटा दिया गया है। इससे पहले श्रावण मास के दौरान कथा के लिए आए एक पंडित जी ने स्पष्ट रूप से कहा था कि यह प्रतिमा यहां नहीं होनी चाहिए। मैं ब्राह्मण समाज से अनुरोध करता हूं कि कृपया इन कार्यों में लिप्त रहें। जो लोग साईं बाबा की पूजा करना चाहते हैं, वे मंदिर बनाकर उन्हें स्थापित करें और श्रद्धा से पूजा करें, इसमें कोई आपत्ति नहीं है।

बड़ा गणेश मंदिर से हटाई गई प्रतिमा

लोगों के शिरडी साईं बाबा जाने के सवालों पर दीपक ने कहा कि हिंदू धर्म सभी के लिए समावेशी है। इसलिए लोग शिरडी भी जाते हैं, इसमें कोई गलत बात नहीं है। जो लोग जहां दर्शन करना चाहते हैं, वे ऐसा कर सकते हैं। किसी की निजी जिंदगी में हस्तक्षेप करना सही नहीं है। एक अन्य व्यक्ति ने इस संदर्भ में एबीपी न्यूज़ से बातचीत करते हुए कहा कि जब यह प्रतिमा हटाई गई, तब प्रशासन का कोई प्रतिनिधि नहीं था। यह अभियान शंकराचार्य के निर्देश पर चलाया जा रहा है। साईं बाबा के प्रति अनादर नहीं है, बल्कि उनका एक अलग स्थान होना चाहिए। बड़ा गणेश मंदिर से प्रतिमा हटा दी गई है।

अब तक 14 मंदिरों से साईं की प्रतिमा हटी

जानकारी दी कि 14 मंदिरों से साई की मूर्तियां हटा दी गई हैं और आगे भी कई अन्य मंदिरों से साई मूर्तियां हटाई जाएंगी। बड़ा गणेश मंदिर परिसर में, आनंदेश्वर महादेव के पास, 2013 में साई की मूर्ति स्थापित की गई थी। सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा ने कहा कि वह पहले साई की परिक्रमा किया करते थे, लेकिन पिछले 6 सालों से उन्होंने साई या प्रेत पूजा करना बंद कर दिया है।

Leave a comment