अमेरिका चीन पर कोरोना फैलाने के आरोप से पीछे हटा:पहले कहा- वुहान लैब से वायरस लीक हुआ, अब बोला-इसके ठोस सबूत नही

अमेरिका चीन पर कोरोना फैलाने के आरोप से पीछे हटा:पहले कहा- वुहान लैब से वायरस लीक हुआ, अब बोला-इसके ठोस सबूत नही
Last Updated: 10 अप्रैल 2023

USA के एनर्जी डिपार्टमेंट ने सोमवार को दावा किया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ है। इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने इन दावों को खारिज कर दिया था। उसके बाद व्हाइट हाउस ने कहा है कि कोविड-19 वायरस चीन की वूहान लैब से लीक होने को लेकर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।

अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा- हमारे इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट और सरकार अभी भी कोरोना वायरस के लीक होने को लेकर जांच कर रही है। इसमें अभी कोई पुष्टि या निश्चित निष्कर्ष नहीं निकला है इसलिए इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी  होगी है। मैं वायरस के लीक होने को लेकर किसी भी रिपोर्ट का बचाव करना जरूरी नहीं समझता हूं। 

 

राष्ट्रपति बाइडेन भी सच को बाहर लाना चाहते हैं 
जॉन किर्बी ने एक मीडिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा-राष्ट्रपति बाइडेन सिर्फ इतना चाहते हैं कि सब लोग मिलकर सच सामने लाने के लिए काम करें, और हम यही कर रहे हैं। जब हमारे पास कुछ ठोस सबूत होंगे तो उसे अमेरिका के लोगों और दुनिया के सामने पेश किया जाएगा। इसकी मदद से हमें भविष्य में ऐसी महामारी से लड़ने में मदद मिलेगी।

 

अमेरिकी रिपोर्ट को खारिज किया चीन ने 
इससे पहले चीन ने अमेरिका के एनर्जी डिपार्टमेंट की रिपोर्ट को खारिज कर दिया था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोविड-19 वायरस चीन की वुहान लैब से लीक हुआ है। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा- कोरोना की उत्पत्ति की खोज साइंस से जुड़ा मामला है और इसका राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए। कई अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स पहले ही कह चुके हैं कि वायरस के वुहान लैब से लीक होने की बहुत ही कम आशंका है।

ये तस्वीर 14 जनवरी, 2021 की है, जब अंतरराष्ट्रीय जांच टीम जांच के लिए वुहान पहुंची थी।

 

रिपोर्ट पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता

माओ निंग ने कहा- WHO और चीन के जॉइंट मिशन के तहत एक्सपर्ट्स ने वुहान लैब में कई फील्ड ट्रिप्स की थीं। इस दौरान हमारे रिसर्चर्स से बात की गई थी। इसके बाद ही उन्होंने वायरस के यहां से लीक होने की बात को खारिज किया था, जिसको कई अंतरराष्ट्रीय समुदायों ने मान्यता दी थी। अमेरिका की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट को ‘लो कॉन्फिडेंस असेसमेंट’ कहा गया है। इसका मतलब है कि उस पर ज्यादा भरोसा नहीं किया जा सकता है और उसमें सही नतीजे के लिए पर्याप्त जानकारी मौजूद नहीं है।

 

अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट ने जारी की थी रिपोर्ट 

दरअसल, सोमवार को अमेरिकी एनर्जी डिपार्टमेंट ने कोरोना वायरस से जुड़ी फाइनल रिपोर्ट पेश की थी। रिपोर्ट में दावा किया गया कि सुरक्षा में चूक होने की वजह से वायरस वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (WIV) से लीक हुआ था। इसके बाद महज कुछ दिनों में यह पूरी दुनिया में फैल गया। हालांकि, कुछ अधिकारियों का मानना है कि ये रिपोर्ट काफी कमजोर है। इसका निष्कर्ष किसी ठोस बुनियाद पर नहीं निकाला गया है।

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