विदेश मंत्री एस. जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच ब्राजील के रियो डी जनेरियो में G20 शिखर सम्मेलन के मौके पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच हाल ही में पूर्वी लद्दाख में देमचोक और देपसांग क्षेत्रों में सैन्य वापसी (डिसएंगेजमेंट) के बाद पहली उच्च-स्तरीय बातचीत थी।
रियो डी जेनेरियो: विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने ब्राजील में G20 शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात में पूर्वी लद्दाख के डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों से सेनाओं की वापसी की प्रक्रिया की समीक्षा की। यह बातचीत सीमा पर दोनों देशों के बीच हाल ही में हुई प्रगति के संदर्भ में महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
यह बैठक उन टकराव वाले क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पहली उच्च-स्तरीय वार्ता थी। जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि सीमा पर शांति और स्थिरता द्विपक्षीय संबंधों के आधार हैं। बैठक में दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की।
जयशंकर और वांग यी के बीच वैश्विक स्थिति पर हुई बातचीत
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रियो में जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात के बाद जानकारी दी कि दोनों देशों ने भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में हाल ही में हुई सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर चर्चा की। इसके अलावा, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के अगले कदमों को लेकर विचारों का आदान-प्रदान किया और वैश्विक स्थिति पर भी बातचीत की।
जयशंकर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि इस मुलाकात में दोनों देशों ने सीमा पर शांति और स्थिरता लाने के प्रयासों को लेकर विचार साझा किए। यह बैठक पिछले कुछ समय से सीमा क्षेत्रों में तनाव कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसमें डेमचोक और देपसांग जैसे क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी प्रक्रिया पर विशेष ध्यान दिया गया हैं।
भारत-चीन में बनी सीमा विवाद पर सहमति
ब्राजील में सोमवार और मंगलवार को G20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी हो रही है। इस दौरान, भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौता होने के बाद दोनों देशों की सेनाओं ने डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। इस प्रक्रिया के बाद, लगभग साढ़े चार साल बाद, दोनों देशों ने इन क्षेत्रों में गश्त गतिविधियों को फिर से शुरू किया है, जो दोनों पक्षों के बीच सीमा पर तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।