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Canada: खालिस्तान समर्थकों ने फिर किया हिन्दू मंदिर पर हमला, वायरल वीडियो में तोड़फोड़

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कनाडा में खालिस्तानी समर्थकों ने फिर हिन्दू मंदिर पर हमला किया। ब्रिटिश कोलंबिया के लक्ष्मी नारायण मंदिर में तोड़फोड़ की गई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

Canada News: कनाडा में हिंदू मंदिरों पर हमलों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, ब्रिटिश कोलंबिया स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया। इस हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि दो अज्ञात व्यक्तियों ने मंदिर की दीवारों को क्षति पहुंचाई और सुरक्षा कैमरा चुराया। यह तीसरी बार है जब कनाडा में किसी हिंदू मंदिर पर खालिस्तानी समर्थकों ने हमला किया है, जिससे हिंदू समुदाय में चिंता और आक्रोश बढ़ गया है।

हमले की पूरी जानकारी

यह घटना रात के लगभग 3 बजे की है, जब खालिस्तानी समर्थकों ने लक्ष्मी नारायण मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ की। वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि हमलावरों ने मंदिर की दीवारों पर नुकसान पहुंचाया और मंदिर परिसर में लगे सुरक्षा कैमरे को भी चुरा लिया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसे कनाडा के पत्रकार डेनियल बोर्डमैन ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया।

CHCC की कड़ी निंदा और चेतावनी

कनाडा के कैनेडियन हिंदू चैंबर ऑफ कॉमर्स (CHCC) ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। CHCC ने कहा है कि कनाडा में इस तरह के हमलों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने इसे हिंदूफोबिया का उदाहरण बताते हुए कहा कि "कनाडा में ऐसे घृणास्पद और हिंसक हमलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।" CHCC ने कनाडा के नागरिकों से इस प्रकार की नफरत और हिंसा के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने की अपील की है।

खालिस्तानी समर्थकों द्वारा की गई पहले की हमले

यह घटना पहली बार नहीं है जब खालिस्तानी समर्थकों ने कनाडा में हिंदू मंदिर को निशाना बनाया हो। इससे पहले खालिस्तानी उग्रवादियों ने वैंकूवर के रॉस स्ट्रीट गुरुद्वारे पर भी हमला किया था। गुरुद्वारे की दीवारों पर खालिस्तानी नारे लिखे गए थे, जिससे सिक्ख समुदाय में नाराजगी फैल गई थी। वैंकूवर पुलिस अब भी इस हमले की जांच कर रही है।

कनाडा में बढ़ता हिंदूफोबिया

कनाडा में हिंदूफोबिया और धार्मिक असहिष्णुता के बढ़ते मामलों को लेकर चिंता जताई जा रही है। भारतीय दूतावास और कनाडा सरकार ने भी इस पर अपनी चिंताओं का इजहार किया है। हालांकि, कनाडा के कई धर्मनिरपेक्ष और मानवाधिकार संगठन इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

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