कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में हुए उपद्रव मामले में पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने एक और गिरफ्तारी की है। शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, पुलिस ने ब्रैम्पटन निवासी 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया।
World: कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर में उपद्रव के मामले में पील क्षेत्रीय पुलिस (पीआरपी) ने ब्रैम्पटन के निवासी 35 वर्षीय इंद्रजीत गोसल को शुक्रवार को गिरफ्तार किया। गोसल पर हथियार से हमला करने का आरोप है। हालांकि, पुलिस ने उसे कुछ शर्तों के साथ रिहा कर दिया है और बाद में उसे ब्रैम्पटन के ओन्टारियो कोर्ट ऑफ जस्टिस में पेश होने का निर्देश दिया गया हैं।
यह गिरफ्तारी 8 नवंबर को ब्रैम्पटन के हिंदू सभा मंदिर में हुए एक प्रदर्शन के बाद की गई, जिसमें खालिस्तानी चरमपंथियों द्वारा हिंदू-कनाडाई भक्तों पर हमला किया गया था। इस घटना से कनाडा के हिंदू समुदाय में चिंता और असुरक्षा की भावना बढ़ी है, जबकि पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच जारी रखने का आश्वासन दिया हैं।
हिंसाक हुआ प्रदर्शन
द गोर रोड पर हुए प्रदर्शन ने जल्द ही शारीरिक हिंसा का रूप ले लिया, जिसमें प्रदर्शनकारियों ने झंडों और लाठियों का इस्तेमाल हथियार के रूप में किया। इस हिंसक घटना के चलते पुलिस ने कई आपराधिक मामलों की जांच शुरू की है। कई घटनाएं कैमरे में कैद हो गईं, और पुलिस फुटेज की सहायता से अन्य संदिग्धों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि वीडियो सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आरोपी का पन्नू से है इसका खास कनेक्शन
इंद्रजीत गोसल को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के प्रमुख गुरपतवंत पन्नू का सहयोगी माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, गोसल ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद एसएफजे द्वारा कनाडा में आयोजित किए जा रहे जनमत संग्रह के आयोजन की जिम्मेदारी संभाली। निज्जर की हत्या के बाद से गोसल ही इस अभियान के मुख्य कार्यों को देख रहा हैं।
पील क्षेत्रीय पुलिस ने 3 और 4 नवंबर की घटनाओं की जांच को तेज़ी से आगे बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक जांच दल का गठन किया है। पुलिस का कहना है कि इस तरह की जटिल जांचों में समय लगता है और उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सभी संदिग्धों की पहचान होते ही आवश्यक गिरफ्तारियां की जाएंगी।