बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत ने आरोप लगाया है कि चिन्मय दास की जमानत की सुनवाई में लगभग 70 हिंदू वकीलों को भाग लेने से रोकने के लिए झूठा केस दायर किया गया हैं।
ढाका: बांग्लादेश में देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार इस्कॉन के पुजारी चिन्मय कृष्ण दास को अभी एक महीने तक जेल में रहना होगा, क्योंकि बांग्लादेश की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई अगले महीने के लिए टाल दी है। यह सुनवाई 3 दिसंबर 2024 को होनी थी, लेकिन उस दिन सुनवाई के लिए कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ।
इस्कॉन ने पहले दावा किया था कि चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने वाले एक बांग्लादेशी वकील पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला किया था, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए और आईसीयू में भर्ती हैं। इस हमले के बाद मंगलवार को वकीलों ने जमानत की सुनवाई में भाग लेने से मना कर दिया, जिससे अदालत को सुनवाई स्थगित करनी पड़ी। अब चटगांव अदालत ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई की तारीख 2 जनवरी 2025 तय की हैं।
चिन्मय कृष्ण प्रभु के वकील पर किया गया जानलेवा हमला
बांग्लादेशी दैनिक द बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत ने आरोप लगाया है कि चिन्मय कृष्ण दास की जमानत की सुनवाई में भाग लेने से रोकने के लिए लगभग 70 हिंदू वकीलों के खिलाफ झूठा मुकदमा दायर किया गया है। संगठन का कहना है कि इन वकीलों पर चटगांव के कोतवाली पुलिस स्टेशन में विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है, ताकि वे चिन्मय दास के लिए बहस न कर सकें।
सोमवार (2 दिसंबर 2024) को इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया कि अधिवक्ता रामेन रॉय पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला किया, क्योंकि उन्होंने चिन्मय कृष्ण दास का बचाव किया था। उन्होंने कहा, "कृपया अधिवक्ता रामेन रॉय के लिए प्रार्थना करें। उनका एकमात्र कसूर अदालत में चिन्मय कृष्ण प्रभु का बचाव करना था। इस्लामवादियों ने उनके घर में तोड़फोड़ की और उन पर बेरहमी से हमला किया, जिससे वह आईसीयू में अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।"