महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन का खौफनाक परिणाम, सजा में 29 बच्चों को 90 दिन रखा भूखा, अब मौत का खतरा

महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन का खौफनाक परिणाम, सजा में 29 बच्चों को 90 दिन रखा भूखा, अब मौत का खतरा
Last Updated: 02 नवंबर 2024

महंगाई के खिलाफ एक अफ्रीकी देश ने बच्चों को दी जाने वाली एक खौफनाक सजा का फैसला किया है, जिसे सुनकर आप चौंक जाएंगे।

अबुजा: महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने पर एक पश्चिम अफ्रीकी देश बच्चों को ऐसी खौफनाक सजा देने जा रहा है, जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। पहले, इन बच्चों को 90 दिनों तक बिना भोजन के हिरासत में रखा गया था, और अब उनकी जान को खतरा बताया जा रहा है। नाइजीरिया में बढ़ती महंगाई के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुआ, जिसमें 29 बच्चे भी शामिल थे। उन्हें शुक्रवार को सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आरोपी ठहराया गया है।

नाइजीरिया में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन

समाचार एजेंसीएसोसिएटेड प्रेसद्वारा देखे गए आरोप पत्र के अनुसार, नाइजीरिया में बढ़ती महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे कुल 76 लोगों पर 10 गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनमें राजद्रोह, संपत्ति को नष्ट करना, उपद्रव मचाना और विद्रोह करना शामिल किया गया है। आरोप पत्र में कहा गया है कि इन नाबालिगों की आयु 14 से 17 वर्ष के बीच है। हाल के महीनों में नाइजीरिया में जीवनयापन की लागत में वृद्धि के कारण व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए हैं।

नाइजीरिया में प्रदर्शन के दौरान 20 लोगों की हत्या

आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि युवाओं के अवसरों और नौकरियों की मांग को लेकर अगस्त में हुए प्रदर्शनों के दौरान कम से कम 20 लोगों को गोली मार दी गई थी। इस हिंसक घटना में कई लोगों की जान चली गई और सैकड़ों को गिरफ्तार किया गया।

नाइजीरिया में मृत्युदंड की सजा 1970 के दशक में लागू की गई थी, लेकिन 2016 के बाद से किसी को भी मौत की सजा नहीं दी गई। अबुजा के एक निजी वकील अकिंतयो बालोगन ने जानकारी दी कि बाल अधिकार अधिनियम के तहत किसी भी बच्चे के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही नहीं की जा सकती और ही उन्हें मौत की सजा दी जा सकती है।

90 दिनों से बच्चों को भोजन नहीं दिया गया

बालोगन ने कहा, "इसलिए नाबालिगों को संघीय उच्च न्यायालय के सामने लाना पूरी तरह से गलत है।" प्रदर्शन में शामिल कुछ युवाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मार्शल अबूबकर ने बताया कि अदालत ने अंततः प्रत्येक प्रतिवादी को जमानत दी है, लेकिन उनके लिए कठोर शर्तें निर्धारित की गई हैं। अबूबकर ने कहा, "एक ऐसा देश, जिसका कर्तव्य अपने बच्चों को शिक्षित करना है, वह इन बच्चों को दंडित करने का निर्णय लेगा। ये बच्चे 90 दिनों से बिना भोजन के हिरासत में हैं।"

 

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