माली के प्रधानमंत्री चोगेल कुकला माईगा को सैन्य शासन की आलोचना करने के कारण अपने पद से बर्खास्त किया गया है। माली में 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से एक सैन्य शासन स्थापित है, और कुकला माईगा की आलोचना ने सरकार के लिए गंभीर मुद्दे पैदा कर दिए।
बमाको: माली में प्रधानमंत्री चोगुएल मैगा को सैन्य शासन की आलोचना करने पर अपने पद से हटा दिया गया, जो एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में असामान्य और अप्रत्याशित घटना मानी जा सकती है। माली में 2020 में सैन्य तख्तापलट के बाद से सत्ता सैन्य नेताओं के हाथ में है और 2021 में एक और तख्तापलट के बाद कर्नल असिमी गोइता ने सत्ता की कमान संभाली।
मैगा पर यह आरोप था कि उन्होंने माली के सैन्य शासन की आलोचना की थी, जो देश में बढ़ते राजनीतिक और प्रशासनिक संकटों के बारे में उनकी चिंता का परिणाम हो सकता है। माली में सैन्य शासन के तहत आलोचनाओं पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, और यह स्थिति बताती है कि देश में विरोध या असहमति की आवाज को दबाने के लिए किसी भी कदम को उठाया जा सकता हैं।
माली देश की राजनीति में उथल-पुथल
यह घटना माली के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक और गंभीर मोड़ है। जून 2022 में माली के सैन्य शासन (जुंटा) ने वादा किया था कि मार्च 2024 तक नागरिक शासन बहाल किया जाएगा, लेकिन चुनावों को स्थगित कर दिया गया और अब तक राष्ट्रपति चुनाव की तारीख भी तय नहीं की गई है। यह स्थिति माली के नागरिकों के लिए निराशाजनक है, जो लोकतांत्रिक चुनावों का इंतजार कर रहे थे।
प्रधानमंत्री चोगुएल मैगा ने शनिवार को अपने समर्थकों की रैली में जुंटा पर आरोप लगाया कि उन्होंने बिना उन्हें सूचित किए चुनावों को स्थगित कर दिया, जो कि सैन्य शासन के भीतर असंतोष का एक स्पष्ट संकेत है। मैगा के इस बयान के बाद जुंटा ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित किए, जो यह दर्शाता है कि आलोचना को सहन नहीं किया जा रहा है। यह कदम माली में सत्ता की सख्त स्थिति को और भी स्पष्ट करता है, जहां सैन्य नेतृत्व के खिलाफ कोई भी असहमति गंभीर परिणामों का सामना कर सकती हैं।