राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता समाप्त करने का निर्णय लिया है, जिससे वर्क वीजा पर रह रहे माता-पिता के बच्चों की नागरिकता प्रभावित हो सकती है, खासकर भारतीयों के लिए।
US Citizenship: राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के तुरंत बाद, डोनाल्ड ट्रंप ने कई अहम फैसले लिए, जिनमें से एक था अमेरिका में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना। इस कदम का असर लाखों बच्चों पर पड़ेगा, जिनका जन्म भले ही अमेरिका में हुआ हो, लेकिन उनके माता-पिता वर्क वीजा पर वहां रह रहे हों। ट्रंप ने यह निर्णय अमेरिकी आव्रजन नीति में बड़ा बदलाव करने के तहत लिया है।
बर्थ टूरिज़म और अमेरिकी संविधान में संशोधन
अमेरिकी संविधान के 14वें संशोधन के तहत, जो बच्चा अमेरिका की धरती पर जन्मता है, उसे स्वतः नागरिकता मिलती है। इस प्रणाली का फायदा उठाकर बड़ी संख्या में विदेशी माता-पिता अपने बच्चों को जन्म देने के लिए अमेरिका जाते हैं, जिसे 'बर्थ टूरिज़म' कहा जाता है। ट्रंप ने आदेश दिया है कि अमेरिका में जन्मे बच्चों को नागरिकता तभी दी जाएगी, जब उनके माता-पिता में से कोई एक अमेरिकी नागरिक हो या उनके पास ग्रीन कार्ड हो।
भारत और चीन पर पड़ने वाला असर
अमेरिका में रहने वाले भारतीयों और चीनी नागरिकों पर इस फैसले का सीधा असर पड़ेगा, क्योंकि इन देशों से बड़ी संख्या में लोग H-1B वीजा पर अमेरिका में काम करते हैं। ट्रंप के इस निर्णय से अमेरिका में रह रहे भारतीय पेशेवरों और उनके परिवारों को मुश्किलें आ सकती हैं। अमेरिका में लगभग 48 लाख भारतीय रहते हैं, जिनमें से एक बड़ा हिस्सा जन्मसिद्ध नागरिकता का लाभ उठा चुका है।
परिवार नियोजन में बदलाव
इस नए आदेश के लागू होने से, H-1B वीजा पर काम कर रहे भारतीय नागरिकों के लिए परिवार नियोजन एक बड़ी चुनौती बन सकता है। ट्रंप का यह निर्णय भारतीयों के लिए चिंता का विषय बन चुका है, क्योंकि इससे उन्हें अपने बच्चों के लिए अमेरिकी नागरिकता की उम्मीदें कमजोर हो सकती हैं।