jammu - kashmir: Article 370 की 5th Anniversary! जानें क्या है Article 370, जम्मू से हटाने का क्या था विवाद?

jammu - kashmir: Article 370 की 5th Anniversary! जानें क्या है Article 370, जम्मू से हटाने का क्या था विवाद?
Last Updated: 06 अगस्त 2024

jammu - kashmir: Article 370 की 5th Anniversary! जानें क्या है Article 370, जम्मू से हटाने का क्या था विवाद?  

अनुच्छेद 370 हटाए जाने के 5 साल पूरे होने पर जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा है कि 5 अगस्त 2019 को हमसे हमारी शक्तियां छीनी और राज्य का विशेष दर्जा हटाते हुए धारा 370 को समाप्त किया गया।

Article 370: जम्मू - कश्मीर से Article 370 हटने की आज (5 August) को 5वीं वर्षगांठ हैं। इस आर्टिकल को पूरी तरह से निरस्त करने के आज पांच साल पूरे हो गए हैं। 5 अगस्, 2019 को केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को खत् करते हुए, राज् को दो हिस्सों में लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांट दिया था। यह आर्टिकल 370 का ही प्रभाव था। लेकिन, किसी अन्य विषय से संबंधित केंद्र को राज् सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था। बता दें कि अनुच्छेद 370 के कारण कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ रहा था।

Article 370 को 5 साल पुरे

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने को आज 5 साल पुरे हो गए हैं। 5 अगस्, 2019 को केंद्र सरकार ने आर्टिकल 370 को खत् करते हुए राज् को दो हिस्सों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में बांट दिया था, और उसे केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया था। जम्मू की सरकार का कहना है कि कश्मीर में विकास और सुरक्षा के

रास्तों में अनुच्छेद 370 बाधक बन रहा था। सरकार का कश्मीर के विकास और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लेना जरूरी था। सरकार ने बताया की अनुच्छेद 370 के कारण कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद बढ़ रहा था और राज्य के लोगों को देश की मुख्यधारा से जोड़ने में कई परेशानियां रही थी।

क्यों हटाया गया अनुच्छेद 370?

Article 370 का ही प्रभाव था कि, बाकी राज्यों से अलग जम्मू-कश्मीर के लिए संसद को रक्षा, विदेशी मामले और संचार के विषय में कानून बनाने का अधिकार प्राप्त था। लेकिन, किसी अन्य विषय से संबंधित केंद्र को राज् सरकार का अनुमोदन चाहिए होता था, ताकि वह कानून को लागू करवा सकें, लेकिन संविधान की धारा 356 यहां लागू नहीं होती थी। इसी कारण इस राज्य को लेकर राष्ट्रपति के पास कोई अधिकार नहीं रहा। देश में वित्तीय आपातकाल लगाने का प्रावधान संविधान की धारा 360 के अंतर्गत है। लेकिन, वह भी जम्मू में लागू नहीं होता था।

5 साल में बदल गया जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद आर्टिकल 370 के तहत पहले की तुलना में शांति और राज्य का बुनियादी विकास देखने को मिला। अगर हम सुरक्षा पर बात करें तो पहले की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में कमी बताई गई है। साथ ही राज्य में बुनियाद विकास तैयार किया गया है, जो जम्मू-कश्मीर के लिए महत्वपूर्ण है।

मिली जानकारी के अनुसार कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है। साथ ही हत्याओं पर भी रोक लगी है। तथा नागरिकों की मृत्यु में 80 प्रतिशत की कमी बताई गई है। और सैनिकों की शहादत में 49 प्रतिशत की कमी बताई गई है।

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