पूर्वी चंपारण, बिहार। अगर मेहनत और सही दिशा में किए गए प्रयासों का सही परिणाम मिले तो वह कहानी प्रेरणा का स्रोत बन जाती है। ऐसा ही कुछ किया है पूर्वी चंपारण के विनय कुमार पांडे ने। 2017 में पारंपरिक खेती को छोड़कर उन्होंने मछली पालन शुरू किया और आज वह सालाना 6 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई कर रहे हैं। मछली पालन के क्षेत्र में अपनी सफलता की कहानी को लेकर वह आज चर्चा का विषय बने हुए हैं।
मछली पालन की ओर बढ़ते कदम
विनय कुमार पांडे ने अपने जीवन में एक बड़ा बदलाव 2017 में किया, जब उन्होंने अपने करीबी मित्र के कहने पर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। इससे पहले वे पारंपरिक खेती, जिसमें धान और गेहूं की खेती शामिल थी, कर रहे थे। लेकिन जब उन्होंने मछली पालन के फायदों को समझा तो उन्होंने खेती से मछली पालन की ओर कदम बढ़ा लिया। उनका मानना है कि मछली पालन के मुकाबले पारंपरिक खेती में ज्यादा श्रम की आवश्यकता होती है और उसमें उतना लाभ भी नहीं मिलता।
विनय बताते हैं कि मछली पालन एक लाभकारी व्यवसाय है क्योंकि इसमें न केवल श्रम लागत कम है, बल्कि मछली के व्यापारियों को सीधे तालाब पर बुलाकर मछली बेची जा सकती है, जिससे मंडी जाने की परेशानी भी खत्म हो जाती है। इस प्रणाली को अपनाने के बाद, वह अब करीब 10 एकड़ जमीन में मछली पालन कर रहे हैं और इसके लिए आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल भी कर रहे हैं।
सरकार की मदद से बढ़ी कमाई
विनय कुमार का कहना है कि मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न प्रकार की मदद भी दे रही है। इसमें अनुदान, प्रशिक्षण और बाजार की सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा तालाब की खुदाई के लिए भी अनुदान मिलता है, जिससे किसानों को मछली पालन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरणा मिलती हैं।
विनय ने बताया कि पहले उन्होंने 10 महीने में लगभग 3 लाख रुपये की मछली बेची थी। लेकिन अब उन्होंने उसी तालाब में 20 हजार मछली का बीज डालकर 6 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है। इस तरह मछली पालन से उनका मुनाफा लगातार बढ़ रहा है। पिछले दो वर्षों में मछली पालन से उन्होंने 12 लाख रुपये की कमाई की है।
मछली पालन का बढ़ता हुआ बाजार
विनय कुमार पांडे के अनुसार, पूर्वी चंपारण में मछली की खपत बहुत अधिक है, लेकिन मछली की आपूर्ति उतनी नहीं हो पा रही है। अगर और किसान इस दिशा में कदम बढ़ाएं, तो मछली पालन के व्यवसाय में और भी बढ़ोतरी हो सकती है और इससे उनके जैसे अन्य किसान भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि मछली पालन में बाजार की मांग भी बहुत अधिक है, और जिस तरह से मछली के व्यापारी खुद पोखर पर आकर मछली निकालने के बाद उसे ले जाते हैं, इससे किसानों को बिक्री में कोई दिक्कत नहीं होती।
एक नई दिशा में किसानों के लिए प्रेरणा
विनय कुमार पांडे की यह कहानी उन किसानों के लिए एक प्रेरणा बन सकती है जो आज भी पारंपरिक खेती में फंसे हुए हैं और मछली पालन जैसे आधुनिक व्यवसायों को अपनाने से डरते हैं। विनय के अनुसार, यदि किसान मछली पालन के फायदे समझें और इसमें कदम बढ़ाएं तो न केवल उनकी आय बढ़ेगी, बल्कि यह रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
विनय की कहानी यह साबित करती है कि अगर किसी के पास सही दिशा और मेहनत हो, तो वह किसी भी कठिनाई को पार कर सफलता प्राप्त कर सकता है। मछली पालन के माध्यम से विनय कुमार पांडे ने यह दिखाया कि पारंपरिक खेती से बाहर जाकर नए रास्तों पर चलकर भी अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता हैं।
आज विनय कुमार पांडे न केवल खुद को आर्थिक रूप से सशक्त बना चुके हैं, बल्कि उनकी सफलता और संघर्ष अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन गई है।