Success Story: IIT-IIM से शिक्षा प्राप्त कर 1 करोड़ की जॉब छोड़ी, शार्क टैंक की जज ने बनाई 4 हजार करोड़ रुपये की कंपनी

Success Story: IIT-IIM से शिक्षा प्राप्त कर 1 करोड़ की जॉब छोड़ी, शार्क टैंक की जज ने बनाई 4 हजार करोड़ रुपये की कंपनी
Last Updated: 12 घंटा पहले

Success Story: शार्क टैंक इंडिया के चौथे सीजन की शुरुआत 6 जनवरी 2025 से हो चुकी है, और इस बार शो के प्रमुख जजों में से एक हैं विनीता सिंह। वह शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर और सीईओ हैं और आज एक सफल एंटरप्रेन्योर के रूप में पूरे भारत में अपनी पहचान बना चुकी हैं। हालांकि विनीता की सफलता किसी से छिपी नहीं है, लेकिन उनके संघर्ष और मेहनत की कहानी अक्सर अनसुनी रह जाती है। आइए जानते हैं कैसे विनीता सिंह ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से खुद को एक जानी-मानी बिजनेस वुमन बना लिया।

शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर और सीईओ

विनीता सिंह शुगर कॉस्मेटिक्स के सह-संस्थापक और सीईओ हैं, जो आज एक 4 हजार करोड़ रुपये की कंपनी बन चुकी है। शुगर कॉस्मेटिक्स भारत में कॉस्मेटिक्स और पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स की एक प्रमुख ब्रांड बन चुका है, जिसे आज करोड़ों लोग पसंद करते हैं। हालांकि यह सफलता विनीता के लिए आसान नहीं रही। इसके पीछे उनके संघर्ष और कई विफलताओं का लंबा इतिहास हैं।

1 करोड़ रुपये की जॉब को छोड़ा, अपने सपनों का पीछा किया

विनीता सिंह का जन्म 1983 में गुजरात के आनंद जिले में हुआ था। हालांकि उन्होंने अपना बचपन भावनगर में अपनी दादी के साथ बिताया, लेकिन बाद में उनके डॉक्टर पिता के दिल्ली एम्स में ट्रांसफर होने के बाद पूरा परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया। विनीता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम से की।

उनकी मेहनत और लगन के कारण विनीता सिंह ने आईआईटी मद्रास और आईआईएम अहमदाबाद से अपनी उच्च शिक्षा पूरी की। 23 साल की उम्र में विनीता को एक प्रतिष्ठित इन्वेस्टमेंट बैंक में 1 करोड़ रुपये का जॉब ऑफर मिला, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। उनका सपना था कि वह अपनी खुद की कंपनी शुरू करें।

शुरुआत से सफलता तक का सफर

विनीता का व्यवसायिक सफर आसान नहीं था। 23 साल की उम्र में, उन्होंने अपना पहला स्टार्ट-अप "क्वेटजल" शुरू किया। इसके लिए वह फंडिंग के लिए 10-12 निवेशकों के पास गईं, लेकिन उन्हें हर जगह से निराशा मिली। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से आगे बढ़ती रहीं। विनीता को अपनी शुरुआत में केवल 10 हजार रुपये की सैलरी पर काम करना पड़ा।

2012 में विनीता ने अपना दूसरा स्टार्ट-अप "फैब-बैग" शुरू किया, लेकिन वह भी सफल नहीं हो सका। लेकिन फिर 2015 में, विनीता ने अपने पति के साथ मिलकर शुगर कॉस्मेटिक्स की नींव रखी। यह एक बड़ा कदम साबित हुआ, और आज शुगर कॉस्मेटिक्स भारत के प्रमुख कॉस्मेटिक ब्रांड्स में शामिल हैं।

शुगर कॉस्मेटिक्स के साथ मिली सफलता

विनीता सिंह ने शुगर कॉस्मेटिक्स की शुरुआत ऐसे समय में की जब भारत में कॉस्मेटिक इंडस्ट्री अभी विकसित हो रही थी। उनकी कंपनी ने मेकअप और पर्सनल केयर के उत्पादों को महिलाओं के बीच लोकप्रिय बना दिया। शुगर कॉस्मेटिक्स की गुणवत्ता और ब्रांडिंग ने इसे भारत में एक प्रमुख नाम बना दिया। आज यह कंपनी 4 हजार करोड़ रुपये की वैल्यूएशन के साथ एक बड़ी सफलता की मिसाल हैं।

विनीता सिंह का संघर्ष और प्रेरणा

विनीता सिंह की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो किसी भी कठिनाई से घबराकर अपने सपनों को छोड़ देता है। विनीता ने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद 1 करोड़ रुपये की सैलरी वाली जॉब को छोड़कर अपना व्यवसाय शुरू किया। इसके बाद भी कई असफलताओं का सामना किया, लेकिन वह कभी भी अपनी मंजिल से पीछे नहीं हटीं।

विनीता सिंह की सफलता का राज उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प में छिपा हुआ है। वह आज भी अपने संघर्षों को याद करती हैं और उनके लिए यह एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बताया कि जब कोई संघर्ष करे और अपनी पूरी ताकत से किसी चीज को हासिल करने का प्रयास करें, तो सफलता उसकी दस्तक जरूर देती हैं।

आज के दौर में विनीता सिंह

आज विनीता सिंह का नाम न केवल शुगर कॉस्मेटिक्स के साथ जुड़ा हुआ है, बल्कि वह शार्क टैंक इंडिया के एक प्रभावशाली जज भी हैं। वह उन स्टार्ट-अप्स को निवेश करने के लिए प्रेरित करती हैं, जो मेहनत और दृढ़ नायक की तरह कार्य कर रहे हैं। उनका सफर यह साबित करता है कि अगर किसी व्यक्ति में आत्मविश्वास हो, तो वह किसी भी मुकाम को हासिल कर सकता हैं।

विनीता सिंह की सफलता की कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो अपनी जिद और मेहनत से अपने सपनों को साकार करना चाहता है। उन्होंने खुद को एक कठिन रास्ते पर चलकर सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। विनीता सिंह का नाम आज शार्क टैंक इंडिया के साथ-साथ एक सफल एंटरप्रेन्योर के रूप में लिया जाता है, और उनकी कहानी युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी है।

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