सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) का मार्ग बेहद कठिन और चुनौतीपूर्ण होता है, जिसमें कई उतार-चढ़ाव आते हैं। सफलता केवल प्रारंभिक अंकों पर निर्भर नहीं होती, बल्कि यह उस व्यक्ति के आत्मविश्वास, मेहनत और दृढ़ संकल्प का परिणाम होती है। आईएएस अवनीश शरण की सफलता की कहानी इसका प्रमाण है। उन्होंने कक्षा 10वीं में केवल 44% अंक हासिल किए थे, लेकिन आज वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी हैं। यह कहानी यह दर्शाती है कि सफलता केवल अंक और नंबरों से नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, मेहनत और संघर्ष से मिलती हैं।
आसान नहीं था आईएएस बनने का सफर
अवनीश शरण का जन्म बिहार के एक छोटे से गांव में हुआ था, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल से प्राप्त की। कक्षा 10वीं में उनका प्रदर्शन सामान्य था, वे थर्ड डिवीजन से पास हुए थे और उन्हें 44.7% अंक मिले थे। 12वीं में भी उनका प्रदर्शन विशेष नहीं रहा, केवल 65% अंक ही प्राप्त हुए। इसके बाद उन्होंने अपनी ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी की, जिसमें भी उनका अंक 60% से अधिक नहीं था। बावजूद इसके, अवनीश ने सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने का सपना छोड़ा नहीं। उन्होंने तय किया कि वे इस कठिन रास्ते पर कदम रखेंगे और मेहनत करेंगे।
असफलताओं से मिली प्रेरणा
अवनीश शरण की सफलता का मार्ग असफलताओं से भरा हुआ था। उन्होंने राज्य लोक सेवा आयोग की प्रीलिम्स परीक्षा में दस बार असफलता का सामना किया। इसके अलावा, उन्होंने CDS (कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज) और CPF (सेंट्रल पुलिस फोर्स) की परीक्षाओं में भी असफलता का सामना किया। लेकिन हर असफलता ने अवनीश को और मजबूत किया और उन्हें यह सिखाया कि असफलता केवल एक कदम पीछे हटने का मौका देती है, सफलता की ओर बढ़ने के लिए और मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी मेहनत को जारी रखा।
UPSC में मिली शानदार सफलता
अवनीश शरण का समर्पण और कठिन परिश्रम रंग लाया। उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में इंटरव्यू राउंड तक पहुंचने में सफलता प्राप्त की। दूसरे प्रयास में उन्होंने ऑल इंडिया रैंक 77 हासिल की और 2009 में आईएएस अधिकारी बने। आज वे छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अवनीश की सफलता यह सिद्ध करती है कि अगर आप अपने प्रयासों को सच्ची मेहनत और सही दिशा में लगाते हैं, तो साधारण शुरुआत भी असाधारण सफलता में बदल सकती हैं।
"नंबर केवल आंकड़े हैं" – अवनीश शरण का संदेश
अवनीश शरण का मानना है कि स्कूल और कॉलेज में प्राप्त किए गए अंक केवल आंकड़े हैं। ये किसी व्यक्ति की सफलता या क्षमता का निर्धारण नहीं करते। 2022 में अवनीश ने अपनी 10वीं की मार्कशीट भी साझा की, जिसमें उनके साधारण अंक स्पष्ट रूप से दिखे। उनका संदेश साफ था कि सफलता केवल अंक प्राप्त करने पर निर्भर नहीं होती, बल्कि यह इस बात पर आधारित होती है कि आपने कितनी मेहनत की है, आपके आत्मविश्वास का स्तर क्या है, और आप कितनी ईमानदारी से अपना काम करते हैं। यह संदेश उन छात्रों के लिए विशेष रूप से प्रेरणादायक है जो अपने कम अंकों से निराश हो जाते हैं।
कैसे करें UPSC की तैयारी?
अवनीश शरण अपनी सफलता के बाद अब दूसरों को प्रेरित करने के लिए सामने आए हैं। उनका कहना है कि UPSC की तैयारी के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको अपने अध्ययन को एक व्यवस्थित रूप से करना चाहिए। इसके अलावा, सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखना और नियमित रूप से समाचार पढ़ना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। अवनीश ने बताया कि किसी भी परीक्षा की तैयारी में सबसे जरूरी चीज आत्मविश्वास बनाए रखना और लगातार सही दिशा में मेहनत करना है। वे कहते हैं, “अगर आप सही दिशा में मेहनत करते हैं तो सफलता जरूर मिलेगी।”
सफलता की परिभाषा संघर्ष और मेहनत की कहानी
अवनीश शरण की सफलता यह सिद्ध करती है कि सफलता का कोई निश्चित पैटर्न नहीं होता। यह इस बात पर निर्भर करती है कि आप अपने संघर्ष को कैसे देखते हैं और उसे कैसे अपनी सफलता में बदलते हैं। वे कहते हैं, “संघर्ष के बाद जब सफलता मिलती है तो वह बेहद मीठी लगती है।” उनकी यह कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने सपनों को छोड़ने का नाम नहीं लेते।
एक प्रेरणादायक यात्रा
आईएएस अवनीश शरण की यात्रा यह सिद्ध करती है कि सफलता की कुंजी केवल अंक या प्रारंभिक शिक्षा में नहीं, बल्कि निरंतर प्रयास और समर्पण में है। उनकी कहानी हमें यह सिखाती है कि अगर आपके पास दृढ़ संकल्प और सही दिशा में मेहनत हो, तो कोई भी मुश्किल आपको आपके लक्ष्य तक पहुँचने से नहीं रोक सकती। अवनीश की कहानी न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी सफलता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।