UPSC Success Story: यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली मां और उसकी दो बेटियां, जिन्होंने IAS बनकर इतिहास रचा

UPSC Success Story: यूपीएससी की परीक्षा पास करने वाली मां और उसकी दो बेटियां, जिन्होंने IAS बनकर इतिहास रचा
Last Updated: 2 घंटा पहले

आज हम एक ऐसे परिवार की प्रेरणादायक कहानी सुन रहे हैं, जहां एक मां ने अपने संघर्ष से केवल खुद को UPSC परीक्षा पास किया, बल्कि अपनी दो बेटियों को भी इस कठिन परीक्षा को पास कर IAS बना दिया। यह कहानी है हिमानी डाबी और उनकी बेटियों, टीना डाबी और रिया डाबी की, जो आज केवल सिविल सेवा परीक्षा में सफलता की मिसाल हैं, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी बन चुकी हैं।

हिमानी डाबी एक प्रेरणा स्रोत मां

हिमानी डाबी ने पहले भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) परीक्षा पास की और सरकारी नौकरी की। लेकिन बच्चों की शिक्षा और उनके बेहतर भविष्य के लिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और समय से पहले रिटायर हो गईं। रिटायरमेंट के बाद, उन्होंने अपनी बेटियों को बेहतर शिक्षा देने में पूरा ध्यान लगाया और उनकी UPSC की तैयारी में मदद की।

हिमानी डाबी के संघर्ष और समर्थन से ही टीना डाबी और रिया डाबी ने UPSC परीक्षा में सफलता हासिल की। उनका उदाहरण यह दिखाता है कि एक मां का प्यार और समर्थन किसी भी चुनौती को पार करने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

टीना डाबी UPSC टॉपर से कलेक्टर तक

टीना डाबी, जो 2015 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप (AIR 1) थीं, ने अपने परिवार और मां से मिली प्रेरणा से यह उपलब्धि हासिल की। टीना डाबी की सफलता केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों का परिणाम थी, बल्कि उनकी मां की मदद और मार्गदर्शन का भी नतीजा था।

टीना की सफलता के बाद, वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रही हैं और हमेशा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करती रहती हैं। वर्तमान में, वह राजस्थान के जैसलमेर जिले की जिला कलेक्टर हैं।

रिया डाबी छोटे कदमों से बड़ी सफलता

टीना की सफलता से प्रेरित होकर, रिया डाबी ने भी UPSC की तैयारी की। रिया ने 2020 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में AIR 15 हासिल किया और महज 23 साल की उम्र में IAS अधिकारी बन गईं। रिया डाबी ने दिल्ली के लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन किया और फिर UPSC की तैयारी शुरू की।

रिया डाबी की सफलता उनके पहले प्रयास में ही मिली, जो केवल उनकी मेहनत का परिणाम था, बल्कि उनके परिवार का मार्गदर्शन और प्रोत्साहन भी था। वर्तमान में, रिया डाबी उदयपुर जिले के गिरवा क्षेत्र में उपविभागीय अधिकारी (SDM) और मजिस्ट्रेट के रूप में काम कर रही हैं। वह सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहती हैं, जहां वह अपने कार्यों की झलकियां साझा करती हैं और दूसरों को प्रेरित करती हैं।

 परिवार का समर्थन और मार्गदर्शन

हिमानी डाबी की यह कहानी यह साबित करती है कि अगर परिवार का समर्थन और सही मार्गदर्शन मिले तो किसी भी लक्ष्य को हासिल करना मुमकिन है। डाबी परिवार के संघर्ष और समर्पण ने केवल उन्हें सफलता दिलाई, बल्कि इस परिवार को समाज में एक मिसाल बना दिया।

टीना और रिया डाबी की सफलता यह सिद्ध करती है कि जीवन में प्रेरणा की जरूरत सबसे पहले अपने परिवार से मिलती है, जो हर कदम पर आपके साथ होता हैं। क्या आपने डाबी परिवार की प्रेरक कहानी सुनी है? अब अपनी सफलता की कहानी लिखने की बारी आपकी है।

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