UPSC Success Story: संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल, कैसे एक बिजनेस फैमिली से आई गरिमा ने आईपीएस से आईएएस बनने तक की यात्रा तय

UPSC Success Story: संघर्ष और दृढ़ संकल्प की मिसाल, कैसे एक बिजनेस फैमिली से आई गरिमा ने आईपीएस से आईएएस बनने तक की यात्रा तय
Last Updated: 4 घंटा पहले

UPSC: गरिमा अग्रवाल की सफलता की कहानी प्रेरणा और संघर्ष से भरी हुई है। एक बिजनेस परिवार से होने के बावजूद, उन्होंने हमेशा नई चीजें सीखने की इच्छा बनाए रखी। गरिमा का सपना था कि वह किसी दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल हों, और इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी मेहनत और लगन लगाई। उनकी सफलता किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। उन्होंने पहले ही प्रयास में भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में सफलता हासिल की, लेकिन उनका असली लक्ष्य था IAS, और उन्होंने उस लक्ष्य को भी हासिल किया।

शुरुआत से लेकर बड़ा सपना तक

गरिमा अग्रवाल का बचपन एक सामान्य माहौल में बीता, लेकिन उनके लिए एक असाधारण रास्ता चुनना कोई बड़ा मुश्किल नहीं था। गरिमा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन किया था। 10वीं और 12वीं कक्षा में क्रमशः 89% और 92% अंक हासिल करने के बाद, उनका आत्मविश्वास और बढ़ा। इसके बाद, उन्होंने जेईई परीक्षा पास की और IIT हैदराबाद में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। यहां से उनका सफर थोड़ा और दिलचस्प हुआ, जब उन्होंने जर्मनी में इंटर्नशिप करने का फैसला किया, जो उनके जीवन के एक अहम मोड़ के रूप में सामने आया।

आईपीएस बनने की दिशा में पहला कदम

गरिमा का आईएएस बनने का सपना हालांकि तब एक कठिन लक्ष्य सा महसूस हो रहा था, लेकिन उनकी राह में एक बड़ी सफलता आ चुकी थी। उन्होंने UPSC की परीक्षा में सफलता पाई और आईपीएस अधिकारी बन गईं। यह सफलता उन्हें और अधिक प्रेरित करने के लिए थी, लेकिन यह उनका अंतिम लक्ष्य नहीं था। गरिमा की नजर आईएएस पर थी, और वह जानती थीं कि सफलता की सही राह केवल कठोर मेहनत और सही दिशा में प्रयास करने से ही हासिल हो सकती हैं।

आईपीएस से IAS तक की यात्रा

गरिमा ने अपनी नौकरी के साथ-साथ आईएएस बनने की तैयारी भी जारी रखी। उनका दृढ़ संकल्प था कि वह एक दिन भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल होंगी। 2018 में उन्होंने एक और प्रयास किया और अपने लक्ष्य को प्राप्त किया। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का नतीजा यह रहा कि उन्होंने UPSC परीक्षा में AIR 40 हासिल किया।

UPSC की तैयारी और रणनीति

गरिमा का मानना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए एक मजबूत और सुनियोजित रणनीति की आवश्यकता होती है। उनका कहना था कि प्री और मेंस दोनों परीक्षाओं में बहुत सारे विषयों में ओवरलैप हो सकता है, इसलिए दोनों स्तरों के लिए अलग-अलग रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने अपनी तैयारी के दौरान मॉक टेस्ट और प्रैक्टिस को सबसे ज्यादा महत्व दिया, जिससे उनके लिखने के कौशल में सुधार आया और वह आसानी से अपनी तैयारी पूरी कर सकीं।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की दिशा

आज, गरिमा अग्रवाल तेलंगाना में असिस्टेंट डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं। उनका मानना है कि सफलता सिर्फ किताबों से नहीं, बल्कि सही दिशा में समर्पण और सही समय पर रणनीति बनाने से मिलती है। गरिमा के लिए सफलता की राह सिर्फ कठिन परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनके जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सीखने और आगे बढ़ने की प्रेरणा बन चुकी हैं।

गरिमा अग्रवाल की कहानी यह साबित करती है कि किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सही रणनीति, समर्पण और कड़ी मेहनत आवश्यक हैं। आईपीएस से आईएएस तक का उनका सफर हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को हासिल करना चाहता है। गरिमा की यात्रा न सिर्फ उन लोगों के लिए प्रेरणा है जो UPSC की तैयारी कर रहे हैं, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि कभी भी किसी लक्ष्य से पीछे नहीं हटना चाहिए।

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