मूल रूप से हिमाचल प्रदेश से संबंध रखने वाली तरुणा ने पहले ही प्रयास में परीक्षा उत्तीर्ण कर ली। इस परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने अपने मेडिकल करियर को छोड़ने का निर्णय लिया था।
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन और चुनौतीपूर्ण परीक्षाओं में से एक माना जाता है। कहा जाता है कि इस परीक्षा की तैयारी से पहले कई बार चुनौतियाँ इतनी बड़ी होती हैं कि छात्रों को यह निर्धारित करना पड़ता है कि उन्हें किस दिशा में आगे बढ़ना है। इसी तरह की एक चुनौती का सामना करते हुए, हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की एक युवा ने स्वास्थ्य चिकित्सा करियर को छोड़कर यूपीएससी की तैयारी करने का निर्णय लिया। हम बात कर रहे हैं तरुणा कमल की, जिन्होंने 2023 की सिविल सेवा परीक्षा में 203वीं रैंक हासिल कर इस परीक्षा को सफलतापूर्वक पास किया।
UPSC सफलता की कहानी, कौन हैं तरुणा कमल
तरुणा कमल, जो हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले की बल्ह वैली से संबंधित हैं, के पिता स्थानीय निकाय में सफाई ठेकेदार हैं, जबकि उनकी मां एक गृहिणी हैं। 26 जून 1997 को जन्मी तरुणा ने अपनी 12वीं की पढ़ाई मॉडर्न पब्लिक स्कूल रत्ती से पूरी की। इसके बाद, उन्होंने पशु चिकित्सा डॉक्टर के रूप में अपनी ट्रेनिंग शुरू की। लेकिन इसी दौरान उनके मन में यूपीएससी परीक्षा देने का इरादा जाग उठा, जिसके चलते उन्होंने चंडीगढ़ में एक कोचिंग क्लास में दाखिला लिया।
लेना पड़ा कठिन निर्णय
तरुणा ने इस सबसे चुनौतीपूर्ण परीक्षा को अपने पहले प्रयास में ही उत्तीर्ण किया। एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में तरुणा ने बताया कि यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी मेडिकल पढ़ाई एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई थी। हालांकि, परिवार और माता-पिता के समर्थन के कारण वह हर कठिनाई को पार कर आगे बढ़ीं और सफलता प्राप्त की। इस समस्या से निपटने के लिए भी उन्होंने अपने मेडिकल करियर को छोड़ने का साहसिक निर्णय लिया।
सबसे बड़ी चुनौती – मेडिकल करियर छोड़ना
यूपीएससी की तैयारी और वेटरिनरी स्टडीज के बीच संतुलन बनाना तरुणा के लिए एक बड़ी चुनौती थी। दोनों ही क्षेत्र में गहरी सोच और समय की भारी मांग होती थी।मेडिकल स्टडीज़ के बीच यूपीएससी की तैयारी करने में लगातार असमंजस का सामना करना पड़ा।अंततः, तरुणा ने एक कड़ा निर्णय लिया और अपनी मेडिकल ट्रेनिंग को छोड़ दिया। इस फैसले ने उनकी पूरी ज़िन्दगी की दिशा बदल दी।
यूपीएससी की तैयारी
तरुणा ने चंडीगढ़ में कोचिंग की शुरुआत की, लेकिन उनका आत्मविश्वास और मनोबल अपने फैसले पर दृढ़ था। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उन्हें न केवल अध्ययन की कठिनाईयों से जूझना पड़ा, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को तैयार रखना था। मेडिकल की पढ़ाई छोड़ने के बाद उन्हें यह एहसास हुआ कि यह उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा और सबसे सही फैसला था।
उनके परिवार ने हर कदम पर उनका समर्थन किया। विशेष रूप से उनके माता-पिता, जिन्होंने हमेशा उनका उत्साह बढ़ाया और उन्हें कठिन समय में मानसिक संबल दिया।
पहले प्रयास में सफलता
2023 में, तरुणा कमल ने पहले प्रयास में ही यूपीएससी परीक्षा पास कर ली, और उन्हें 203वीं रैंक मिली।उनकी सफलता का यह सफर इस बात का प्रमाण है कि सही दिशा में लिया गया कड़ा निर्णय और मेहनत किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है।
यूपीएससी की सफलता का राज़
तरुणा का मानना है कि अगर आप किसी दिशा में अपनी मेहनत और प्रयासों को केंद्रित करते हैं, तो कोई भी मुश्किल आपका रास्ता नहीं रोक सकती। यूपीएससी की तैयारी में सफलता पाने के लिए समय प्रबंधन बेहद महत्वपूर्ण होता है। तरुणा ने सही समय पर सही फैसले लिए, जिसमें मेडिकल को अलविदा कहना भी शामिल था।उनके माता-पिता और परिवार ने उन्हें हमेशा प्रेरित किया, जिसके कारण उन्हें कभी भी अकेला नहीं महसूस हुआ और वे हर परेशानी का सामना कर सकीं।
आनेवाले समय के लिए लक्षय
आईएएस बनने के बाद, तरुणा का उद्देश्य समाज के विकास में योगदान देना है। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में काम करना जहां स्वास्थ्य, शिक्षा और सार्वजनिक योजनाओं में सुधार की आवश्यकता हो।तरुणा आज उन युवाओं के लिए एक प्रेरणा बन चुकी हैं, जो कठिनाइयों और आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहते हैं।
तरुणा कमल की कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में हर निर्णय के साथ कुछ जोखिम जुड़े होते हैं, लेकिन जब हम अपने सपनों को सच करने के लिए पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं, तो कोई भी सपना असंभव नहीं होता। उन्होंने यह साबित किया कि अगर इरादा मजबूत हो, तो किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है, चाहे वह मेडिकल करियर छोड़ने जैसा कड़ा फैसला हो या यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास करना।