Success Story: जिसे लड़की को गांव वालों ने पढ़ाई से रोका, आज वही बनी UPSC टॉपर और बनी IAS अफसर

Success Story: जिसे लड़की को गांव वालों ने पढ़ाई से रोका, आज वही बनी UPSC टॉपर और बनी IAS अफसर
Last Updated: 14 घंटा पहले

बिहार के एक छोटे से गांव की लड़की, प्रिया रानी की सफलता की कहानी आज लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी है। प्रिया रानी, जो कभी अपने गांव में शिक्षा के लिए विरोध का सामना कर रही थीं, आज वही बिहार राज्य की आईएएस अधिकारी बन चुकी हैं। यह कहानी केवल एक युवती की मेहनत और दृढ़ संकल्प की नहीं, बल्कि समाज में शिक्षा के महत्व और लड़कियों के अधिकारों की भी हैं।

गांव में शिक्षा का विरोध, दादा का साथ

प्रिया रानी का जन्म बिहार के फुलवारी शरीफ के कुड़कुरी गांव में हुआ था, जहां लड़कियों की शिक्षा को लेकर समाज में कड़ा विरोध था। लेकिन प्रिया के दादा और पिता ने उनका साथ नहीं छोड़ा और वे उन्हें बेहतर शिक्षा देने के लिए पटना ले आए। प्रिया बताती हैं कि "जब मैं छोटी थी, तो गांव में यह माना जाता था कि लड़कियों को पढ़ने का कोई फायदा नहीं होता। लेकिन मेरे दादा जी ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया और मेरी पढ़ाई के लिए हर संभव मदद की।"

प्रिया का जीवन संघर्षों से भरा था, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। पटना में किराए के घर में रहने के दौरान, उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और कई कठिनाइयों के बावजूद सफलता की ओर कदम बढ़ाए।

बीआईटी मेसरा से इंजीनियरिंग की डिग्री, फिर यूपीएससी की तैयारी

प्रिया ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के बाद बीआईटी मेसरा से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की। इसके बाद, उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। पहले प्रयास में उन्हें सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने हार मानने का नाम नहीं लिया। अगले प्रयास में, उन्हें भारतीय रक्षा सेवा (Indian Defence Services) में नौकरी मिल गई, लेकिन उनका सपना आईएएस बनने का था, जो अधूरा रह गया।

प्रिया ने तीसरे प्रयास में भी असफलता का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और आत्मविश्वास कभी नहीं डगमगाया। चौथे प्रयास में, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त की और आईएएस अधिकारी बन गईं।

सफलता का राज नियमित पढ़ाई और कड़ी मेहनत

प्रिया रानी का कहना है कि उनकी सफलता का सबसे बड़ा कारण नियमित पढ़ाई और कड़ी मेहनत है। वे रोज सुबह 4 बजे उठकर पढ़ाई करती थीं और इकोनॉमिक्स को अपने मुख्य विषय के रूप में चुना। उन्होंने हमेशा NCERT की किताबों और अखबारों को प्राथमिकता दी। उनका मानना है कि शिक्षा ही जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति है, और यही उनके जीवन को दिशा देने वाली ताकत बनी।

समाज के लिए प्रेरणा लड़कियां भी कर सकती हैं कुछ खास

प्रिया की सफलता केवल उनके परिवार और दोस्तों के लिए गर्व का कारण बनी, बल्कि यह पूरे बिहार और देश की लड़कियों के लिए एक प्रेरणा बन गई है। वे कहती हैं, "लड़कियां भी बहुत कुछ कर सकती हैं, और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। समाज में लड़कियों की शिक्षा और उनके आगे बढ़ने के अवसर बहुत जरूरी हैं।"

उनकी कहानी ने यह साबित कर दिया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो वह किसी भी मुश्किल को पार कर सकता है और अपने सपनों को हकीकत में बदल सकता हैं।

प्रेरणादायक समापन हार मत मानो

प्रिया रानी की सफलता ने यह सिखाया कि मुश्किलें चाहे जैसी भी हों, यदि हम मेहनत करें और आत्मविश्वास रखें, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं होता। जिन लोगों ने पहले उनकी पढ़ाई का विरोध किया था, वे अब उनकी कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहे हैं। प्रिया ने यह साबित कर दिया है कि शिक्षा और मेहनत से किसी भी मुश्किल को पार किया जा सकता हैं।

उनकी कहानी आज लाखों युवाओं और खासकर लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है, जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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