कभी किसी ने सोचा नहीं था कि एक साधारण सी शुरुआत करने वाली महिला वंदना लूथरा, आज पूरी दुनिया में अपने वेलनेस ब्रांड VLCC के जरिए पहचान बनाएगी। 1989 में महज ₹20,000 के निवेश से अपनी यात्रा शुरू करने वाली वंदना ने साबित कर दिया कि अगर आत्मविश्वास हो, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है। आज, VLCC का मूल्यांकन ₹4500 करोड़ है, और यह ब्रांड न सिर्फ भारत में बल्कि विदेशों में भी अपने पैर पसार चुका हैं।
मां की प्रेरणा से शुरू हुई यात्रा
वंदना लूथरा की प्रेरणा उनकी मां से मिली, जो एक चेरिटेबल आयुर्वेदिक संस्था चलाती थीं। इस संस्था का उद्देश्य कम आय वाले लोगों की मदद करना था, और इस काम ने वंदना पर गहरा असर डाला। उन्हें दिखता था कि भारत में न्यूट्रिशन और कॉस्मेटोलॉजी के बारे में जानकारी कम है। इसी सोच के साथ वंदना ने जर्मनी में इन विषयों की पढ़ाई की और अपने देश लौटने के बाद भारतीय बाजार में एक नई दिशा देने का फैसला किया।
VLCC की शुरुआत और चुनौतियां
वंदना लूथरा ने 1989 में महज ₹20,000 से VLCC की शुरुआत की, जिसे पहले "Vandana Luthra Curles and Curves" के नाम से जाना जाता था। दिल्ली के सफदरजंग एन्क्लेव में पहला VLCC सेंटर खोला गया। यह सेंटर वजन घटाने के वैज्ञानिक तरीकों से डाइट और एक्सरसाइज प्रोग्राम प्रदान करता था। उस समय वेलनेस को ग्लैमर से जोड़ा जाता था, लेकिन वंदना ने इसे क्लिनिकल तरीके से पेश करने का निर्णय लिया।
90 के दशक में, महिला होकर बिजनेस शुरू करना कोई आसान काम नहीं था। इसके बावजूद, वंदना ने अपने आत्मविश्वास और कठिन मेहनत से इस मुश्किल समय का सामना किया। उनके लिए एक और चुनौती थी डॉक्टरों को अपने साथ काम करने के लिए मनाना, जो इस नए आयाम को स्वीकार करने में हिचकिचा रहे थे। लेकिन वंदना ने हार नहीं मानी और काम में जुटी रही।
VLCC की सफलता और ग्लैमर से पहचान तक
2000 के दशक में VLCC ने 50 करोड़ रुपये का रेवेन्यू अर्जित किया। हालांकि अन्य कंपनियां 12,000 रुपये से वेलनेस पैकेज दे रही थीं, VLCC ने 20,000 रुपये प्रति कस्टमर के रजिस्ट्रेशन की फीस रखी, और फिर भी यहां ग्राहकों की भारी भीड़ जुटी रही। 2005 में जब टेलीविजन शो "जस्सी जैसी कोई नहीं" का मेकओवर VLCC ने किया, तो इसने ब्रांड की पहचान को और भी मजबूत किया।
2009 में वंदना को "शाइन" से 14.4 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली और इसके बाद कंपनी का वैल्यूएशन 125 करोड़ रुपये हो गया। 2010 तक VLCC के 100 सेंटर हो चुके थे, और वंदना ने महिलाओं को ब्यूटी एंटरप्रेन्योर बनने के लिए ट्रेनिंग देना शुरू किया। इसके बाद उन्होंने मिडल ईस्ट, साउथ-ईस्ट एशिया और अफ्रीका में भी विस्तार किया।
VLCC का वैश्विक विस्तार
2023 तक, VLCC के 311 सेंटर, 100 ट्रेनिंग संस्थान, और 144 शहरों में मौजूदगी थी। वंदना द्वारा शुरू की गई कंपनी को अब PE फर्म कार्लायल ग्रुप ने 2500 करोड़ में अधिग्रहित किया है। कंपनी का वार्षिक रेवेन्यू ₹986.8 करोड़ है, और इसका बाजार मूल्यांकन ₹4500 करोड़ है। VLCC हर साल 10,000 महिलाओं को ट्रेनिंग देती है, जिनमें से 70% कर्मचारी महिलाएं हैं।
वंदना लूथरा के पुरस्कार और सम्मान
वंदना लूथरा की सफलता को कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। 2010 में उन्हें "एंटरप्राइज एशिया वीमेन एंटरप्रेन्योर्स ऑफ द ईयर" अवार्ड मिला, 2012 में "एशियन बिजनेस लीडर्स फोरम ट्रेलब्लेज़र अवार्ड" और "पावरब्रांड्स हॉल ऑफ फेम इंस्पिरेशनल लीडर अवार्ड" से सम्मानित किया गया। 2013 में उन्हें पद्मश्री सम्मान प्राप्त हुआ। 2016 में वंदना फोर्ब्स एशिया की 50 पावर बिजनेसवुमेन की सूची में शामिल हुईं। 2011-2017 के बीच, वह फॉर्च्यून इंडिया की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं में शामिल रहीं।
वंदना की प्रेरक सफलता का संदेश
वंदना लूथरा की कहानी हमें यह सिखाती है कि मुश्किलें और चुनौतियां जीवन का हिस्सा होती हैं, लेकिन आत्मविश्वास और कड़ी मेहनत से इनका सामना किया जा सकता है। उन्होंने न केवल एक मजबूत ब्रांड VLCC खड़ा किया, बल्कि लाखों महिलाओं को उनके करियर में सफलता हासिल करने के लिए प्रेरित भी किया।
वंदना लूथरा की सफलता न केवल उनकी मेहनत और दृढ़संकल्प का परिणाम है, बल्कि यह उस विश्वास का भी परिणाम है जो उन्होंने खुद पर रखा। आज, उनका नाम न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में सम्मानित है। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं।