बेंगलुरु में खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच में भारतीय टीम अपनी दूसरी पारी में 462 रनों पर ऑलआउट हो गई। इस शानदार बल्लेबाजी प्रदर्शन के बावजूद न्यूजीलैंड को जीत के लिए केवल 107 रनों का लक्ष्य मिला है। मैच के अब केवल एक दिन का खेल बाकी है, और यह मुकाबला काफी रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया हैं।
स्पोर्ट्स न्यूज़: भारत और न्यूजीलैंड के बीच बेंगलुरु में खेला जा रहा पहला टेस्ट मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच गया है। अब मैच का 5वां और अंतिम दिन बाकी है, जिसमें न्यूजीलैंड को जीत के लिए केवल 107 रनों का लक्ष्य मिला है। चौथे दिन भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में 462 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया, लेकिन पहली पारी में सिर्फ 46 रनों पर ऑलआउट होने का प्रभाव अभी भी बना हुआ हैं।
भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरी पारी में बेहतरीन प्रदर्शन किया। सरफराज खान ने 150 रनों की शानदार पारी खेली, जबकि ऋषभ पंत अपने शतक से सिर्फ 1 रन दूर रह गए और 99 रन बनाकर विलियम ओरूर्के का शिकार बने। पंत ने अपनी पारी में 9 चौके और 5 छक्के लगाए। अब भारतीय गेंदबाजों के पास न्यूजीलैंड के खिलाफ छोटी सी बढ़त का बचाव करने का मौका हैं।
न्यूजीलैंड को जीत के लिए चाहिए 108 रन
भारतीय टीम की दूसरी पारी में ऋषभ पंत और सरफराज खान ने क्रीज पर अपने पैर जमा लिए थे और चौथे विकेट के लिए शानदार 177 रनों की साझेदारी की। इस साझेदारी ने भारतीय पारी को मजबूत किया, लेकिन 80वें ओवर के बाद न्यूजीलैंड ने नई गेंद ली और उसके बाद खेल पूरी तरह बदल गया। न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाजों ने नई गेंद का बेहतरीन इस्तेमाल किया और 15.2 ओवर में भारतीय टीम के 7 विकेट गिरा दिए।
ऋषभ पंत के 99 रनों पर आउट होने के बाद भारतीय बल्लेबाजी लड़खड़ा गई, और कोई भी बल्लेबाज क्रीज पर ज्यादा देर टिक नहीं पाया। सरफराज खान ने 150 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली, लेकिन उनके आउट होने के बाद बाकी बल्लेबाज ज्यादा कुछ नहीं कर सके। भारतीय टीम 462 रनों पर सिमट गई, जिससे न्यूजीलैंड को जीत के लिए 107 रनों का लक्ष्य मिला हैं।
भारत के पास इतिहास दोहराने का सुनहरा मौका
चौथे दिन का खेल बारिश और खराब रोशनी के कारण तय समय से पहले समाप्त कर दिया गया, जिसमें न्यूजीलैंड की सलामी जोड़ी सिर्फ 4 गेंदें ही खेल सकी। अब 5वें दिन न्यूजीलैंड 107 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरेगी। हालाँकि, भारतीय टीम के लिए इतने छोटे लक्ष्य का बचाव करना मुश्किल लग सकता है, लेकिन यह पूरी तरह से असंभव नहीं हैं।
भारतीय टीम पहले भी एक छोटे से लक्ष्य का सफलतापूर्वक बचाव कर चुकी है। 2004 में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में, टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के खिलाफ सिर्फ 107 रनों का लक्ष्य डिफेंड किया था और उस मैच में भारत ने 13 रनों से जीत दर्ज की थी। इस बार भी भारतीय गेंदबाजों के पास 20 साल बाद इतिहास दोहराने का मौका हैं।
* 85- ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, द ओवल (1882)
* 99- वेस्टइंडीज बनाम जिम्बाब्वे, पोर्ट ऑफ स्पेन (2022)
* 107- भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, वानखेड़े (2004)
* 111- इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, सिडनी (1887)
* 111- ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, द ओवल (1896)