भारतीय टीम के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी आज 34 साल के हो गए। शमी का जीवन संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने मेहनत और दृढ़ संकल्प के दम पर भारतीय क्रिकेट में अपनी एक अलग पहचान बनाई। गरीब परिवार से आने वाले शमी ने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन उनकी मेहनत और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें एक सफल क्रिकेटर बनाया।
स्पोर्ट्स न्यूज़: सफलता पाने के लिए सच्ची चाहत, दृढ़ संकल्प और कठिन परिश्रम बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के सहसपुर अली नगर गांव में जन्मे मोहम्मद शमी ने भी अपने जीवन में यही साबित किया है। एक मामूली परिवार से आने वाले शमी ने बचपन में गरीबी और संघर्षों को करीब से देखा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपने सपने को साकार करने के लिए हर कठिनाई का सामना किया।
शमी का सफर हमें यह सिखाता है कि चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हों, यदि किसी में सच्ची लगन और मेहनत का जज्बा है, तो सफलता जरूर मिलती है। उन्होंने क्रिकेट जगत में प्रवेश करते ही यह साबित कर दिया कि टैलेंट ही सबसे बड़ा धन है और सच्ची मेहनत से किसी भी सपने को हकीकत में बदला जा सकता है। शमी की कहानी प्रेरणादायक है और यह दिखाती है कि दृढ़ निश्चय और मेहनत से कोई भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकता हैं।
साल 2023 वर्ल्ड कप में उनके शानदार प्रदर्शन ने सभी का दिल जीता, लेकिन इसके बाद उन्हें चोट का सामना करना पड़ा। अब, शमी क्रिकेट के मैदान पर जल्द ही वापसी करने के लिए तैयार हैं और भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी भूमिका निभाने के लिए उत्सुक हैं। उनकी वापसी का इंतजार उनके प्रशंसक और क्रिकेट प्रेमी बेसब्री से कर रहे हैं।
शमी ने जीवन में हर मुश्किल का डटकर किया सामना
मोहम्मद शमी की सफलता में उनके पिता तौसीफ का बहुत बड़ा योगदान रहा है। तौसीफ खुद तेज गेंदबाज बनने का सपना रखते थे, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उन्हें अपने सपने को त्यागना पड़ा। उन्होंने अपने बेटे में अपने अधूरे सपने को पूरा करने की उम्मीद देखी और शमी के लिए हर संभव प्रयास किया। तौसीफ ने शमी की प्रैक्टिस के लिए अपने खेत में ही सीमेंट की पिच बनवाई, जहां शमी ने अपने पिता के साथ मिलकर 15 साल तक कड़ी मेहनत की और अपनी गेंदबाजी कौशल को निखारा। इस मेहनत और समर्पण ने उन्हें बंगाल की रणजी टीम में जगह दिलाई।
मोहम्मद शमी का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर
बता दें 6 जनवरी 2013 को शमी ने पाकिस्तान के खिलाफ अपने वनडे करियर की शुरुआत की। उस समय तक, उन्होंने केवल 15 प्रथम-श्रेणी और 15 लिस्ट ए मैच खेले थे। अपने पहले वनडे मैच में, उन्होंने 9 ओवर में 4 मेडन और केवल 23 रन देकर 1 विकेट लिया, जिससे भारत को 10 रन से जीत मिली। इस प्रदर्शन के साथ, शमी एकदिवसीय क्रिकेट में अपने डेब्यू पर चार या उससे ज्यादा मेडन ओवर डालने वाले पहले भारतीय गेंदबाज और विश्व में आठवें गेंदबाज बने जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की। उनकी इस शानदार शुरुआत ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक प्रमुख तेज गेंदबाज के रूप में स्थापित कर दिया।
मोहम्मद शमी ने नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना टेस्ट डेब्यू किया। अपने पहले टेस्ट सीरीज में ही उन्होंने अपनी गेंदबाजी का लोहा मनवाया, जहां दो मैचों की श्रृंखला में शमी ने 16.54 की औसत से कुल 11 विकेट लिए। उनकी इस प्रभावशाली गेंदबाजी ने उन्हें भारतीय टेस्ट टीम में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर दिया। इसके बाद, 2014 में इंग्लैंड दौरे पर, शमी ने अपनी बल्लेबाजी क्षमता भी दिखाई।
नॉटिंघम में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान, शमी और भुवनेश्वर कुमार ने 10वें विकेट के लिए 111 रन की साझेदारी की। यह साझेदारी भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में 10वें विकेट की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी रही और इसने न केवल भारतीय पारी को मजबूती दी बल्कि शमी की बहुमुखी प्रतिभा को भी उजागर किया। इस तरह के प्रदर्शन ने शमी को एक ऑलराउंडर के रूप में भी स्थापित किया, जो अपनी गेंदबाजी के साथ-साथ बल्ले से भी योगदान देने में सक्षम हैं।
कैसी रही मोहम्मद शमी की पर्सनल लाइफ?
मोहम्मद शमी की पर्सनल लाइफ ने भी समय-समय पर सुर्खियां बटोरी हैं। 6 जून 2014 को उन्होंने कोलकाता की हसीन जहां से शादी की। एक साल बाद, 17 जुलाई 2015 को शमी और हसीन जहां के घर एक बेटी का जन्म हुआ, जिससे उनका परिवार पूरा हो गया। हालांकि, 2018 में उनकी निजी जिंदगी में उथल-पुथल शुरू हो गई जब हसीन जहां ने शमी और उनके भाइयों पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें मारपीट, दुष्कर्म, हत्या की कोशिश और घरेलू हिंसा शामिल थे। हसीन ने शमी पर मैच फिक्सिंग का भी आरोप लगाया था, जिसके चलते शमी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा।
इसी साल, शमी एक कार दुर्घटना का शिकार हो गए थे। देहरादून से नई दिल्ली जाते वक्त हुए इस एक्सीडेंट में उनके सिर में चोट लगी और दाईं आंख के ऊपर 3-4 टांके लगे थे। इसके अलावा, टी20 विश्व कप 2021 के सुपर-12 स्टेज में भारत को पाकिस्तान के हाथों हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद शमी को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। कुछ लोगों ने उन्हें 'गद्दार' तक कह दिया और मैच फिक्सिंग के आरोप भी लगाए, लेकिन शमी ने इन सभी मुश्किलों का डट कर सामना किया और अपने खेल पर ध्यान केंद्रित रखा। उनका धैर्य और मैदान पर प्रदर्शन इन सभी विवादों के बावजूद उनके समर्पण और कड़ी मेहनत को दर्शाता हैं।
वनडे विश्व कप 2023 में शमी ने झटके 24 विकेट
मोहम्मद शमी का करियर कई उतार-चढ़ावों से भरा रहा है, जिसमें 2015 और 2023 के विश्व कप में शुरुआती मैचों में उन्हें बेंच पर बैठना पड़ा। शमी ने इस बारे में कहा कि वह प्लेइंग-11 में किसी की भी पहली पसंद नहीं थे, लेकिन जब भी उन्हें खेलने का मौका मिला, उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और टीम के लिए 100 प्रतिशत योगदान दिया। वनडे विश्व कप 2023 में, शमी ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सभी को प्रभावित किया। उन्होंने कुल 7 मैचों में 24 विकेट लेकर भारत के लिए शानदार स्पेल फेंका, जो टूर्नामेंट में किसी भी भारतीय गेंदबाज द्वारा सबसे अधिक विकेट थे।
भारत और न्यूजीलैंड के बीच वनडे विश्व कप 2023 के सेमीफाइनल मैच में शमी ने कीवी बल्लेबाजों को काफी परेशान किया। उस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 397 रन बनाए थे। जवाब में न्यूजीलैंड की टीम के बल्लेबाज शमी की धारदार गेंदबाजी के सामने टिक नहीं पाए। शमी ने इस मैच में 57 रन देकर 6 विकेट चटकाए, जो कि भारत के लिए विश्व कप इतिहास में सर्वश्रेष्ठ स्पेल्स में से एक है। शमी का यह प्रदर्शन उनकी गेंदबाजी कौशल और उनके जुझारूपन को दर्शाता है, जिससे उन्होंने अपने आलोचकों को भी गलत साबित किया।