Year Ender 2024: साल 2024 में भारत ने चेस की दुनिया में मचाया तहलका, डी गुकेश ने विश्व विजेता बनकर रचा इतिहास, जानें अन्य खिलाडियों का कैसा रहा खेल?

Year Ender 2024: साल 2024 में भारत ने चेस की दुनिया में मचाया तहलका, डी गुकेश ने विश्व विजेता बनकर रचा इतिहास, जानें अन्य खिलाडियों का कैसा रहा खेल?
Last Updated: 8 घंटा पहले

 

साल 2024 में भारतीय शतरंज ने वैश्विक स्तर पर एक नया इतिहास रचा। युवा ग्रैंडमास्टर्स आर. प्रगनानंद और डी. गुकेश ने अपने बेहतरीन प्रदर्शन से शतरंज की दुनिया में भारत का डंका बजा दिया। आर. प्रगनानंद ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए दुनिया के नंबर-1 और नंबर-2 खिलाड़ियों, मैग्नस कार्लसन और हिकारू नाकामुरा, को एक ही टूर्नामेंट में हराकर शतरंज प्रेमियों को चौंका दिया।

स्पोर्ट्स न्यूज़: साल 2024 तेजी से अपनी समाप्ति की ओर बढ़ रहा है और खेल प्रेमियों के लिए यह साल कई ऐतिहासिक और यादगार पलों से भरा रहा। इस साल भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से वैश्विक मंच पर देश का परचम लहराया। भारतीय क्रिकेट टीम ने टी20 वर्ल्ड कप जीतकर फैंस को गर्व करने का मौका दिया, जबकि अन्य खेलों में भी भारत ने अपना दबदबा कायम रखा। खासकर शतरंज के खेल में भारतीय खिलाड़ियों ने विश्व पटल पर अपनी ताकत दिखाई।

आर. प्रगनानंद ने अपनी प्रतिभा से किया प्रभावित

18 साल के युवा खिलाड़ी डी. गुकेश ने चेस की दुनिया का नया बादशाह बनकर इतिहास रच दिया। वहीं, आर. प्रगनानंद ने भी अपनी प्रतिभा से सभी को प्रभावित किया। 2 जून 2024 को भारतीय ग्रैंडमास्टर आर. प्रगनानंद ने नॉर्वे चेस टूर्नामेंट में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी फैबियानों कारूआना को हराकर इतिहास रचा। यह उपलब्धि तब और खास हो गई जब उन्होंने इसी टूर्नामेंट में दुनिया के नंबर-1 खिलाड़ी मैग्नस कार्लसन को भी शिकस्त दी। प्रगनानंद ने पहली बार एक ही टूर्नामेंट में वर्ल्ड नंबर-1 और वर्ल्ड नंबर-2 को हराकर शतरंज के इतिहास में अपना नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज कर लिया।

भारत ने बुडापेस्ट में रचा इतिहास

साल 2024 भारतीय शतरंज के लिए स्वर्णिम वर्ष साबित हुआ। आर. प्रगनानंद और डी. गुकेश जैसे युवा खिलाड़ियों के अद्भुत प्रदर्शन के बाद, भारत ने बुडापेस्ट में आयोजित FIDE चेस ओलंपियाड में इतिहास रच दिया। भारत ने पहली बार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कराया।

इस ऐतिहासिक जीत में भारत की पुरुष और महिला टीमों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंतिम दौर में अपने-अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराया। 45वें शतरंज ओलंपियाड में भारत के इस प्रदर्शन ने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। यह प्रतियोगिता अभूतपूर्व रूप से बड़ी थी, जिसमें 195 देशों की 197 टीमों ने पुरुष वर्ग में और 181 देशों की 183 टीमों ने महिला वर्ग में हिस्सा लिया।

डी. गुकेश बने चेस के बादशाह

साल 2024 में भारतीय शतरंज का विजय रथ डी. गुकेश के अद्भुत प्रदर्शन तक पहुंचा। भारत के ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने 17 साल की उम्र में कैंडीडेट्स शतरंज टूर्नामेंट का खिताब जीतकर इतिहास रच दिया। इस उपलब्धि के साथ गुकेश विश्व शतरंज खिताब जीतने वाले सबसे युवा चैलेंजर बन गए, जिससे उन्होंने शतरंज की दुनिया में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया। गुकेश ने अपनी शानदार खेल क्षमता का प्रदर्शन करते हुए 40 साल पहले गैरी कास्पारोव द्वारा बनाए गए रिकॉर्ड को तोड़ा।

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश ने 12 दिसंबर 2024 को सिंगापुर में आयोजित विश्व शतरंज चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया। गुकेश ने निर्णायक 14वें गेम में चीन के मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। महज 18 साल की उम्र में डी. गुकेश ने यह अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की, जिससे वह भारत के विश्वनाथन आनंद के बाद विश्व शतरंज खिताब जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी बन गए।

 

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