Exclusive Naveen Kumar: नवीन कुमार 'दादा' के कारण बन पाया कबड्डी प्लेयर, जानें कैसे पड़ा दबंग दिल्ली फ्रेंचाइजी के खिलाडी का नाम 'नवीन एक्सप्रेस'

Exclusive Naveen Kumar: नवीन कुमार 'दादा' के कारण बन पाया कबड्डी प्लेयर, जानें कैसे पड़ा दबंग दिल्ली फ्रेंचाइजी के खिलाडी का नाम 'नवीन एक्सप्रेस'
Last Updated: 12 सितंबर 2024

 

प्रो कबड्डी लीग का 11वां सीजन 18 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है, और पहले ही मुकाबले में दबंग दिल्ली का सामना यू मुंबा से होगा। दबंग दिल्ली के प्रमुख रेडर नवीन कुमार, जिन्हें उनकी तेज तर्रार रेडिंग शैली के कारण "नवीन एक्सप्रेस" के नाम से जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। नवीन न केवल दबंग दिल्ली फ्रेंचाइजी के लिए बल्कि भारतीय कबड्डी टीम के लिए भी अहम भूमिका निभाते हैं। उन्होंने एशियन गेम्स 2023 में भी बेहतरीन प्रदर्शन कर भारत की सफलता में योगदान दिया था।

स्पोर्ट्स न्यूज़: हरियाणा के भिवानी जिले से ताल्लुक रखने वाले नवीन कुमार ने कबड्डी में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। उनका जन्म 14 फरवरी 2000 को हुआ था और उन्होंने अपनी तेज और आक्रामक रेडिंग शैली के कारण "नवीन एक्सप्रेस" का उपनाम हासिल किया। नवीन न केवल प्रो कबड्डी लीग की दबंग दिल्ली फ्रेंचाइजी के मुख्य खिलाड़ी हैं, बल्कि भारतीय कबड्डी टीम के भी प्रमुख सदस्य हैं। साल 2023 एशियन गेम्स के फाइनल में उनके शानदार प्रदर्शन ने भारत को गोल्ड मेडल जीतने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन की शुरुआत 18 अक्टूबर से हो रही है और इसके मुकाबले स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर लाइव प्रसारित किए जाएंगे। नवीन कुमार ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि...

नविन की रूचि कबड्डी में कैसे बनी?

नवीन कुमार जैसे खिलाड़ियों की कहानी कई युवाओं को प्रेरित करती है, खासकर उन लोगों को जो सीमित संसाधनों के बावजूद अपने सपनों को साकार करने की कोशिश करते हैं। जब नवीन गांव में रहते थे, उनके पास बैट-बॉल खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। गांव के सीनियर खिलाड़ियों के साथ कबड्डी खेलने से उन्हें खेल के प्रति रूचि और अनुभव मिला। उनका यह सफर इस बात का उदाहरण है कि साधनों की कमी के बावजूद मेहनत, लगन और जुनून से अपने लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। यही उनकी सफलता की नींव बनी और आज वे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

नविन के कबड्डी करियर में उनके दादा का प्रमुख रोल

नवीन कुमार जब 6वीं या 7वीं कक्षा में थे, तब पढ़ाई से बचने के लिए खेल के मैदान में चले जाते थे। उसी दौरान एक सरकारी मुहिम के तहत उन्हें ट्रायल में जाने का मौका मिला, जहां उनका चयन हो गया। शुरू में तो उन्होंने स्टेडियम में प्रैक्टिस करने से बचने की कोशिश की, क्योंकि उन्हें डर था कि वहां भी कोच की सख्ती का सामना करना पड़ेगा। लेकिन जब उनके दादा जी को यह बात पता चली, तो उन्होंने हस्तक्षेप किया। दादा जी का सहयोग और उनकी उपस्थिति ने नवीन की दिशा बदल दी। दादा जी ने न केवल उन्हें स्टेडियम ले जाना शुरू किया, बल्कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से भी समर्थन दिया। दादा के इस समर्थन ने नवीन के जीवन को एक नया मोड़ दिया और उन्हें कबड्डी में गंभीरता से मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

नवीन किसको मानते है अपना आदर्श?

नवीन कुमार अपना आदर्श अजय ठाकुर को मानते हैं, जिनकी स्किल और तकनीक ने उन्हें प्रभावित किया। अजय ठाकुर की प्रो कबड्डी में खेलते हुए देख कर नवीन ने काफी कुछ सीखा और उनकी खेल शैली को अपनाया। नवीन का यह भी मानना है कि उनके असली आदर्श उनके माता-पिता हैं, जिन्होंने उनके लिए कठिन मेहनत की और उन्हें सफल बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किए। 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्हें भारतीय वायुसेना में नौकरी मिल गई, जहां उन्होंने कबड्डी खेलना जारी रखा। गुजरात जायंट्स के कोच राम मेहर सिंह से मिलने के बाद उनके करियर को नया मोड़ मिला। अर्जुन पुरस्कार विजेता राम मेहर सिंह के संरक्षण में नवीन ने अपनी स्किल्स को और निखारा और अपने खेल में सुधार किया।

नविन के रेडर बनने और 'नवीन एक्सप्रेस' नाम के पीछे की कहानी

नवीन कुमार की इस यात्रा में उनके सीनियर खिलाड़ियों और कोच की भूमिका काफी महत्वपूर्ण रही है। शुरू में वह एक कॉर्नर खिलाड़ी के रूप में खेलते थे, लेकिन सीनियर खिलाड़ियों ने उनके हुनर को पहचाना और उन्हें रेड करने का मौका दिया। नवीन का कहना है कि उनका फुटवर्क हमेशा से अच्छा था, और जब उन्होंने रेडिंग करना शुरू किया, तो उन्हें इसमें काफी मजा आने लगा। उनके कोच ने भी उन्हें रेडिंग में ध्यान केंद्रित करने को कहा। जब उन्होंने टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन किया और अंक हासिल किए, तो उन्होंने रेडिंग को गंभीरता से लेना शुरू कर दिया। आज नवीन कुमार अपनी रेड को न सिर्फ एन्जॉय करते हैं, बल्कि अपने खेल में इस कौशल पर पूरा फोकस करते हैं। यह उनकी मेहनत, जुनून और खेल के प्रति समर्पण का परिणाम है कि वह आज एक बेहतरीन रेडर के रूप में उभरे हैं, जिन्हें "नवीन एक्सप्रेस" के नाम से जाना जाता हैं।

 

 

 

 

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