शिक्षाप्रद कहानी: अहंकार का सबक

शिक्षाप्रद कहानी: अहंकार का सबक
Last Updated: 10 घंटा पहले

यह कहानी एक सफल व्यवसायी की है, जिसने अपने कारोबार में अपार सफलता हासिल की और बहुत धन-संपत्ति अर्जित की। जैसे-जैसे उसका व्यापार बढ़ा, उसके पास नौकर-चाकर भी बढ़ने लगे। लेकिन सफलता के साथ-साथ उसके अंदर अहंकार भी बढ़ने लगा।

एक दिन की घटना

एक दिन, उसका एक संबंधी उससे मिलने आया। वह भी एक उच्च पद पर कार्यरत था और उसे एक अच्छा वेतन मिलता था। बातचीत के दौरान व्यवसायी ने अपने संबंधी को उपेक्षा की दृष्टि से देखा और गर्व से कहा, "तुम जैसे पाँच नौकर तो मैं आसानी से रख सकता हूँ!"

संबंधी ने थोड़ी असहजता महसूस की, लेकिन शांत रहते हुए पूछा, "आपके यहाँ कितने नौकर हैं?"

व्यवसायी ने गर्व से बताया, "सात नौकर हैं।"

संबंधी ने फिर पूछा, "और हर एक को कितनी तनख्वाह देते हैं?"

व्यवसायी ने उत्तर दिया, "तीन नौकरों को पाँच-पाँच सौ रुपये, दो को चार-चार सौ रुपये, और एक को तीन सौ रुपये रोज देता हूँ।"

एक स्मार्ट जवाब

संबंधी ने थोड़ी सोचने के बाद कहा, "तो कुल मिलाकर आप सात नौकरों को 2600 रुपये देते हैं?"

व्यवसायी ने गर्व से 'हाँ' कहा।

संबंधी ने मुस्कुराते हुए कहा, "मैं एक अच्छे कॉलेज में प्रोफेसर हूँ और मुझे 2500 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं। यदि मैं आपके बच्चे को ढाई घंटे पढ़ा दूं, तो क्या आप मुझे 2500 रुपये प्रतिदिन देकर नौकर रख सकते हैं?"

इस पर व्यवसायी की बोलती बंद हो गई। उसने तुरंत समझ लिया कि उसने बिना सोचे-समझे जो कहा था, वह गलत था।

कहानी से सीख

अहंकार से बचें: अहंकार इंसान को अंधा कर देता है। यह हमें अपने आस-पास के लोगों की प्रतिभा और मेहनत को नजरअंदाज करने पर मजबूर करता है। विनम्रता हमेशा श्रेष्ठता की निशानी होती है।

टीम का महत्व: किसी भी सफलता का श्रेय अकेले नहीं लिया जा सकता। टीम का सहयोग और समर्थन किसी भी परियोजना को सफल बनाने में महत्वपूर्ण होता है। एक नेता को अपने कर्मचारियों की मेहनत को समझना और सम्मान करना चाहिए।

सकारात्मक संचार: खुले और सकारात्मक संवाद से कार्यस्थल पर अच्छा माहौल बनता है। कर्मचारियों को अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी प्रतिभा का पूर्ण उपयोग कर सकें।

सीखने की इच्छा: गलतियों से सीखना एक महत्वपूर्ण कौशल है। जब हम अपने अहंकार को छोड़कर अपनी गलतियों को स्वीकारते हैं, तो हम बेहतर बन सकते हैं।

सम्मान और आदर: रिश्तों में सम्मान और आदर होना आवश्यक है। किसी भी व्यक्ति की मेहनत का मूल्य आंकने से पहले हमें खुद को उनकी स्थिति में रखना चाहिए।

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