सबसे अधिक सुकुमार कौन। विक्रम-बैताल की कहानी

सबसे अधिक सुकुमार कौन। विक्रम-बैताल की कहानी
Last Updated: 17 फरवरी 2023

बेताल पेड़ की शाखा से प्रसन्नता पूर्वक लटका हुआ था, तभी विक्रमादित्य ने फिर वहां पहुंचकर, उसे पेड़ से उतारा और अपने कंधे पर डाल कर चल दिए। रास्ते में बेताल ने अपनी कहानी सुनानी शुरू की। पुरुष पुर के राजा देवमाल्य अपनी प्रजा के बीच अपने साहस और बुद्धिमानी के लिए जाने जाते थे। उनकी तीन रानियां थी, जिन्हें राजा बहुत प्यार करते थे। उन रानियों में एक विशेष बात थी। 1 दिन की बात है, राजा अपनी बड़ी रानी शुभलक्ष्मी के साथ बगीचे में टहल रहे थे। तभी एक नरम गुलाबी फूल पेड़ से टपक औरा रानी के हाथों को छूता हुआ गिर पड़ा। रानी की चीख निकली और वह बेहोश हो गई। रानी इतनी सुकुमार थी कि फूल ने उनके हाथों को घायल कर दिया था। राजा ने तुरंत शहर के अच्छे वैद्यों को बुलवाया।

रानी का इलाज शुरू हुआ और वैद्यों ने रानी को कुछ दिन आराम करने के लिए कहा। उसी रात राजा अपने महल की बालकनी में अपनी दूसरी पत्नी के साथ आराम से बैठे थे। चांदनी रात थी। ठंडी हवा के झोंके, बगीचे के फूलों की खुशबू लिए आ रहे थे। वातावरण बहुत मादक हो रहा था। तभी चंद्रावती चीखने लगी, “ मैं यह चांदनी बर्दाश्त नहीं कर सकती। यह मुझे जला रही है।” परेशान राजा ने तुरंत उठकर सारे पर्दों को गिरा दिया, जिससे चांदनी अंदर नहीं आ सके। वैद्य बुलाए गए। उन्होंने पूरे शरीर पर चंदन का तेल लगाया और आराम करने की सलाह दी।1 दिन राजा की इच्छा अपनी तीसरी पत्नी मृणालिनी से मिलने की हुई। मृणालिनी तीनों में सबसे सुंदर रानी थी। राजा के निमंत्रण पर राजा के कमरे की ओर जा रही थी कि अचानक ही वह चीख कर बेहोश हो गई। आनन-फानन में चिकित्सक बुलवाए गए। उन्होंने देखा कि उसके दोनों हाथ फफोलों से भर गए हैं। होश में आने पर रानी ने बताया कि आते समय उसने रसोईघर से आती चावल कूटने की आवाज सुनी थी। वह आवाज असहनीय थी।

बेताल ने पूछा, “  राजन अब आप बताइए कि तीनों रानियों में सबसे संवेदनशील रानी कौन थी?” विक्रमादित्य ने धीरे से कहा, “ तीसरी रानी यूं तो तीनों रानियां सुकुमार थी, जबकि मृणालिनी तो  सिर्फ चावल कूटने की आवाज से घायल हो गई थी। इसलिए सब में वही सबसे अधिक संवेदनशील थी।” “ आप सही है राजन”, यह कहता हुआ बेताल उड़ कर वापस पेड़ पर चला गया।

 

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