Makar Sankranti 2025: तिल-गुड़ की मिठास और रंग-बिरंगी पतंगों से सजा आसमान, देशभर में मकर संक्रांति का अनोखा उल्लास

Makar Sankranti 2025: तिल-गुड़ की मिठास और रंग-बिरंगी पतंगों से सजा आसमान, देशभर में मकर संक्रांति का अनोखा उल्लास
Last Updated: 16 घंटा पहले

Makar Sankranti: मकर संक्रांति भारत का प्रमुख पर्व है, जो हर साल 14 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन सूर्य के मकर राशि (Capricorn) में प्रवेश का प्रतीक है और इसे सर्दियों के अंत और उत्तरायण की शुरुआत का सूचक माना जाता है। यह पर्व फसल की कटाई के साथ जीवन में नई ऊर्जा और सकारात्मकता के आगमन का संदेश देता हैं।

2025 में मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त

•    इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी। शुभ मुहूर्त में पूजा, स्नान और दान का विशेष महत्व रहेगा:
•    पुण्यकाल: सुबह 09:03 बजे से शाम 05:46 बजे तक
•    महा पुण्यकाल: सुबह 09:03 बजे से 10:48 बजे तक

पौराणिक और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि

मकर संक्रांति से जुड़ी कई पौराणिक कहानियां हैं। माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव शनि देव से मिलने उनके घर जाते हैं। साथ ही यह दिन गंगा नदी के भागीरथी संगम का प्रतीक भी है। देवी संक्रांति ने इसी दिन शंकरासुर का वध किया था, जिससे धर्म की स्थापना हुई थी।

विभिन्न राज्यों में मकर संक्रांति का जश्न

•    भारत में मकर संक्रांति विभिन्न राज्यों में भिन्न नामों और परंपराओं के साथ मनाई जाती हैं।
•    पोंगल (तमिलनाडु): चार दिवसीय फसल उत्सव जिसमें सूर्य देव और फसल की पूजा होती हैं।लोहड़ी और माघी (पंजाब और हरियाणा) अलाव जलाकर नृत्य और गीत के साथ फसल कटाई का जश्न।
•    माघ बिहू (असम): चावल से बनी मिठाइयों और कृषि उत्सव का आयोजन।
•    उत्तरायण (गुजरात): पतंग उड़ाने का अनोखा उत्सव।
•    खिचड़ी पर्व (उत्तर भारत): इस दिन खिचड़ी खाने और दान करने की प्रथा हैं।
   
मकर संक्रांति: स्वास्थ्य और सांस्कृतिक लाभ

•    मकर संक्रांति न केवल सांस्कृतिक, बल्कि स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।

•    तिल और गुड़: यह शरीर को गर्म रखते हैं और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
•    खिचड़ी: सरल और पोषक आहार के रूप में इसका महत्व हैं।
•    सूर्य पूजा: सकारात्मक ऊर्जा और नई आशा का संचार करती हैं।

प्रमुख परंपराएं और अनुष्ठान

•    पतंगबाजी: आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों की बहार मकर संक्रांति का मुख्य आकर्षण हैं।
•    पवित्र स्नान: गंगा और अन्य नदियों में स्नान का विशेष महत्व हैं।
•    दान-पुण्य: इस दिन दान करने से कई गुना अधिक फल मिलने की मान्यता हैं।
•    मिठाइयों का आदान-प्रदान: तिल-गुड़ से बनी मिठाइयां आपसी प्रेम और एकता का प्रतीक हैं।

मकर संक्रांति 2025: एकजुटता और उत्साह का प्रतीक

मकर संक्रांति सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें सिखाता है कि हर अंधकार के बाद प्रकाश आता है और हर कठिनाई के बाद सफलता।

मकर संक्रांति पर 10 मुख्य बातें

•    मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का प्रतीक हैं।
•    यह दिन पतंग उड़ाने के उत्साह का सूचक हैं।
•    तिल और गुड़ से बनी मिठाइयों का महत्व हैं।
•    यह फसल उत्सव का प्रतीक हैं।
•    पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व हैं।
•    इस दिन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
•    इसे विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता हैं।
•    सूर्य देव की पूजा का दिन हैं।
•    यह उत्तरायण की शुरुआत का सूचक हैं।
•    यह त्योहार सांस्कृतिक विविधता और एकता का संदेश देता हैं।

मकर संक्रांति सकारात्मकता का संदेश

मकर संक्रांति जीवन में नई ऊर्जा, सकारात्मकता और उन्नति का संदेश देती है। आइए, इस पर्व को मिल-जुलकर मनाएं और देश की सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करें।

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