Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति के दिन सूर्य मंत्र और दान से जीवन में खुशियाँ आएँगी, जानिए इसके महत्व और शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2025 Date: मकर संक्रांति के दिन सूर्य मंत्र और दान से जीवन में खुशियाँ आएँगी, जानिए इसके महत्व और शुभ मुहूर्त
Last Updated: 4 घंटा पहले

Makar Sankranti: मकर संक्रांति का पर्व हर साल भारत में विशेष धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी 2025 को पड़ रहा है, जो कि एक खास संयोग बना रहा है। तीन साल बाद मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही है, जबकि पिछले तीन वर्षों में यह 15 जनवरी को आई थी। इस दिन सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे और खरमास समाप्त हो जाएगा, जिससे मांगलिक कार्यों के लिए शुभ समय की शुरुआत होगी। इस दिन का महत्व सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यधिक हैं।

मकर संक्रांति का पुण्यकाल और समय

इस साल मकर संक्रांति 14 जनवरी को दिन के 2:58 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन का पुण्यकाल सुबह 7:02 बजे से प्रारंभ हो जाएगा और यह पूरे दिन जारी रहेगा। इस समय में पूजा, स्नान और दान करने का विशेष महत्व है। यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है क्योंकि सूर्य देव के इस बदलाव को लेकर हर भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

पर्व की खासियत स्नान, दान और सूर्य मंत्र का जाप

मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से गंगा स्नान और सूर्य पूजा का महत्व होता है। इस दिन सूर्य देव की पूजा से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। माना जाता है कि इस दिन सूर्य मंत्र का जाप करने से भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त होती है। सूर्य मंत्र "ॐ घृणि सूर्याय नमः, ॐ भास्कराय नमः" का जाप करने से भक्तों को विशेष पुण्य मिलता है। इसके अलावा, आदित्य हृदय स्तोत्र और सूर्य चालीसा का पाठ भी बहुत लाभकारी माना जाता हैं।

दान का महत्व ऊनी वस्त्र, कंबल और पंचांग दान करें

इस दिन दान का भी विशेष महत्व होता है। धार्मिक दृष्टि से ऊनी वस्त्र, कंबल और पंचांग का दान पुण्य फल देने वाला होता है। इससे न सिर्फ पुण्य की प्राप्ति होती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी होता है। मकर संक्रांति के दिन विशेष रूप से गरीबों को दान देने का महत्व है, जिससे जीवन में समृद्धि और शांति बनी रहती हैं।

फसल का आगमन और जीवन में सकारात्मकता

मकर संक्रांति फसल के आगमन का प्रतीक भी है। यह समय नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। सूर्यदेव की पूजा करने से जीवन में सभी समस्याओं का समाधान होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दिन का त्यौहार कृषि जीवन को समर्पित है, और इसे किसानों के लिए विशेष महत्व होता है। किसान इस दिन नई फसल की शुरुआत का जश्न मनाते हैं और सूर्य देव से अच्छी फसल की कामना करते हैं।

खरमास का समापन और मांगलिक कार्यों की शुरुआत

मकर संक्रांति से पहले चल रहा खरमास 14 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद सभी मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि की शुरुआत हो जाएगी। इस दिन से विवाह के लिए शुभ मुहूर्त भी प्रारंभ हो जाएंगे। विशेष रूप से इस दिन से विवाह के कई शुभ मुहूर्त होंगे।

ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, जनवरी से जून तक प्रत्येक महीने में विवाह के लिए लग्न का दिन होगा, जिसमें खास तिथियां 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 26 और 27 जनवरी हैं। फरवरी में विवाह के मुहूर्त की संख्या और बढ़ जाएगी, जिसमें प्रमुख तिथियां 1, 2, 3, 6, 7, 8, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23 और 24 फरवरी हैं।

एक अवसर सकारात्मकता और खुशियों का

मकर संक्रांति का पर्व न सिर्फ धार्मिक अवसर है, बल्कि यह जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाने का एक और मौका है। इस दिन सूर्य देव के पुण्य प्रभाव से जीवन में नई ऊर्जा का संचार होता है और हर व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है। इस दिन को खास बनाने के लिए स्नान, दान और सूर्य पूजा करें और जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करें।

मकर संक्रांति 2025 एक विशेष दिन है, जो सूर्य देव के मकर राशि में प्रवेश के साथ नए अवसर और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन के महत्व को समझते हुए हमें अपनी पूजा, स्नान, दान और सूर्य मंत्र के जाप से पुण्य प्राप्त करना चाहिए। साथ ही, खरमास के समाप्त होने के बाद यह समय मांगलिक कार्यों की शुरुआत का है, जो जीवन में नए और शुभ अध्याय की शुरुआत करते हैं। मकर संक्रांति का यह पर्व आपके जीवन में सुख, समृद्धि और सकारात्मकता लाए।

Leave a comment