आज यानी 11 मई 2025, रविवार को पूरे देशभर में भगवान नृसिंह की जयंती श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को यह पर्व हर वर्ष मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के उग्र अवतार—नृसिंह भगवान की पूजा की जाती है, जिन्होंने अधर्मी राजा हिरण्यकश्यप का अंत कर धर्म की स्थापना की थी।
इस खास मौके पर आइए जानें—पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्वपूर्ण मंत्र, और क्या करें जिससे आपको मिले शुभ फल और सुख-शांति।
नृसिंह जयंती क्यों मनाई जाती है?
हिंदू धर्म में नृसिंह जयंती को बहुत पवित्र दिन माना जाता है। यह दिन भगवान विष्णु के नृसिंह अवतार के रूप में जन्म लेने की स्मृति में मनाया जाता है। जब हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्याचारी राजा भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को मारने की कोशिश करने लगा, तब भगवान ने आधा सिंह और आधा मानव रूप धारण किया। उन्होंने न दिन में, न रात में, न बाहर, न अंदर – बल्कि शाम के समय, चौखट पर, अपने नाखूनों से हिरण्यकश्यप का वध किया। यह घटना धर्म की जीत और अधर्म के अंत का प्रतीक बन गई।
इसलिए नृसिंह जयंती पर भक्त उपवास रखते हैं, भगवान की पूजा करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। माना जाता है कि इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा करने से सभी संकट दूर होते हैं, भय खत्म होता है और जीवन में शांति आती है। यह दिन हमें सिखाता है कि अगर आस्था सच्ची हो, तो भगवान हर हाल में अपने भक्त की रक्षा करते हैं।
नृसिंह जयंती 2025 का शुभ मुहूर्त
इस साल नृसिंह जयंती 11 मई, रविवार को मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 10 मई को हो चुकी थी और इसका समापन 11 मई की रात 8:01 बजे होगा। इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा विशेष महत्व रखती है। अगर आप शुभ फल चाहते हैं, तो पूजा का सही समय जरूर जान लें।
इस वर्ष पूजा करने का सबसे उत्तम मुहूर्त शाम 4:21 बजे से लेकर 7:03 बजे तक का है। इसी दौरान भगवान नृसिंह की पूजा, मंत्र जाप और भोग लगाना शुभ माना गया है। व्रत रखने वाले लोग 12 मई की सुबह 5:32 मिनट पर व्रत का पारण कर सकते हैं यानी व्रत तोड़ सकते हैं। इस दिन की पूजा से डर, रोग, और नकारात्मकता दूर होती है और जीवन में शांति आती है।
नृसिंह जयंती पूजा विधि
- स्नान करें और साफ कपड़े पहनें: सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ, हल्के या पूजा योग्य वस्त्र (जैसे सफेद, पीला या लाल) धारण करें। इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है।
- पूजा स्थल की सफाई करें: जहां आप पूजा करने वाले हैं उस स्थान को अच्छे से साफ करें। शुद्ध वातावरण में पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- चौकी सजाएं और प्रतिमा स्थापित करें: लकड़ी की चौकी लें और उस पर लाल या पीले रंग का साफ कपड़ा बिछाएं। इसके बाद भगवान नृसिंह की प्रतिमा या चित्र को चौकी पर स्थापित करें। आप चाहें तो लक्ष्मी माता की तस्वीर भी साथ में रख सकते हैं।
- दीपक और धूप जलाएं: अब भगवान के सामने दीपक (तेल या घी का) जलाएं और धूप लगाएं। इससे वातावरण पवित्र हो जाता है।
- फूल, फल और मिठाई अर्पित करें: भगवान को ताजे फूल, फल और मिठाई (जैसे लड्डू, पेड़ा आदि) अर्पित करें। नैवेद्य (भोग) के रूप में आप दूध, मिश्री या सूखे मेवे भी चढ़ा सकते हैं।
- भोग लगाएं और प्रार्थना करें: अंत में भगवान को भोग अर्पित करें और हाथ जोड़कर प्रार्थना करें कि आपके जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि बनी रहे।
इन मंत्रों का जाप करें नृसिंह जयंती पर
भगवान नृसिंह का मूल मंत्र
ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्यु मृत्युं नमाम्यहम्॥
नृसिंह गायत्री मंत्र
ॐ उग्रनृसिंहाय विद्महे, वज्रनखाय धीमहि।
तन्नो नृसिंहः प्रचोदयात्।
नैवेद्य अर्पण मंत्र
नैवेद्यं शर्करां चापि भक्ष्यभोज्यसमन्वितम्।
ददामि ते रमाकांत सर्वपापक्षयं कुरु।।
नृसिंह कवच
नारायणानन्त हरे नृसिंह प्रह्लादबाधा हरेः कृपालु:।
नृसिंह जयंती पर क्या करें?
नृसिंह जयंती के दिन भगवान नृसिंह की पूजा करने से जीवन के कष्ट, डर और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। इस दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान विष्णु का ध्यान करें। आप चाहें तो व्रत रख सकते हैं, जो अगले दिन पारण करके पूरा किया जाता है। इस दिन भगवान नृसिंह का नाम जपना, मंदिर जाना, घर पर दीपक जलाकर पूजा करना और मंत्रों का पाठ करना शुभ माना जाता है।
इसके साथ ही, जरूरतमंद लोगों को अन्न, वस्त्र या धन दान करें। कहते हैं कि नृसिंह जयंती पर किया गया दान कई गुना पुण्य देता है। पूजा के दौरान भगवान नृसिंह के मंत्रों का जाप करें, जैसे –
'ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं...'।
इस दिन की गई भक्ति से न सिर्फ मानसिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सफलता और सुरक्षा का अनुभव भी होता है।
नृसिंह जयंती का महत्व क्या है?
नृसिंह जयंती का दिन भगवान विष्णु के एक खास रूप – नृसिंह अवतार की पूजा के लिए मनाया जाता है। यह दिन भक्तों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह भगवान और उनके भक्त प्रह्लाद के बीच के अटूट विश्वास और सुरक्षा का प्रतीक है। जिन लोगों के जीवन में बार-बार परेशानियाँ आती हैं, डर बना रहता है या मानसिक तनाव होता है, उनके लिए नृसिंह जयंती पर व्रत रखना और पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान नृसिंह की पूजा करने से कालसर्प दोष, शनि की साढ़ेसाती, और भूत-प्रेत बाधाओं से राहत मिलती है। साथ ही, पूजा करने से व्यक्ति के अंदर साहस, शक्ति और आत्मविश्वास भी बढ़ता है। अगर कोई व्यक्ति बार-बार नकारात्मक विचारों से परेशान रहता है, तो इस दिन की गई सच्ची भक्ति से उसे मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। यही वजह है कि यह दिन आध्यात्मिक रूप से बेहद खास माना जाता है।
नृसिंह जयंती भगवान नृसिंह के अवतार की स्मृति में मनाई जाती है, जो भगवान विष्णु के चौथे रूप हैं। इस दिन भक्त उपवास रखते हुए पूजा करते हैं, जिससे जीवन में शांति, सुरक्षा और मानसिक शांति प्राप्त होती है। पूजा का सही मुहूर्त शाम 4:21 से 7:03 बजे तक है। नृसिंह जयंती पर दान, मंत्र जाप और भक्ति से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।