Tula Sankranti: सूर्य देव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप, सभी कष्टों से पाएं मुक्ति

Tula Sankranti: सूर्य देव की पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जप, सभी कष्टों से पाएं मुक्ति
Last Updated: 17 अक्टूबर 2024

ज्योतिषीय मान्यता के अनुसार, इस गोचर का सभी राशियों पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव मेष राशि में उच्च माने जाते हैं, जिससे इन राशियों को विशेष लाभ होगा। करियर, स्वास्थ्य, और आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए इस दिन सूर्य उपासना और दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।

 सूर्य देव की पूजा विधि

 सूर्य देव की पूजा सुबह जल्दी उठकर स्नान के बाद की जाती है। तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें गुड़हल का फूल, अक्षत (चावल), और रोली डालें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और नीचे दिए गए मंत्रों का श्रद्धा से जप करें।

 सूर्य मंत्र: ऊर्जा और प्रकाश का स्रोत

 सूर्य मंत्र, जो सूर्य देवता की उपासना के लिए अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं, साधक को स्वास्थ्य, समृद्धि, और सकारात्मकता का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख सूर्य मंत्र दिए जा रहे हैं:

सूर्य नमस्कार मंत्र

      ॐ हृदयं सौम्यं प्राश्वाद्यं वदन्ति हृदयं परम्।

यत्र सूर्यो जातो यस्मिन् नष्टा भुवनं यः।

सूर्याय नमः।

·       आदित्याय नमः।

·       भास्कराय नमः।

·       रवये नमः।

·       सूर्याय नमः। 

·       सूर्य देवाय नमः। 

·       सर्वरोग निवारिणे नमः। 

·       सर्वार्थ सिद्धये नमः।

·       घृणि: सूर्याय नमः

·       ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः

·       रवये नमः

          सूर्य पूजा के लाभ

शारीरिक स्वास्थ्य: सूर्य देव की पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है और शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

मानसिक शांति: मानसिक तनाव और चिंता से राहत मिलती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता बढ़ती है।

करियर और व्यापार में सफलता: सूर्य देव की कृपा से करियर में नए अवसर प्राप्त होते हैं और व्यापार में वृद्धि होती है।

आत्मबल में वृद्धि: सूर्य उपासना आत्मविश्वास बढ़ाती है और व्यक्ति को साहसी बनाती है।

सूर्य देव की उपासना का महत्व

सूर्य देवता, जिन्हें सभी ऊर्जा और जीवन का स्रोत माना जाता है, की उपासना का विशेष महत्व है। उनकी आराधना से केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक और आत्मिक विकास भी संभव होता है। यहाँ सूर्य देव की उपासना के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया है:

1. जीवन शक्ति और ऊर्जा का स्रोत

सूर्य, जीवन के लिए आवश्यक प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करते हैं। उनकी उपासना से साधक में ऊर्जा और जीवंतता का संचार होता है, जिससे वे अपने कार्यों में अधिक सक्रिय और ऊर्जावान बनते हैं।

2. स्वास्थ्य और आरोग्य

सूर्य देव की पूजा से व्यक्ति को कई प्रकार की शारीरिक बीमारियों से राहत मिलती है। नियमित सूर्य नमस्कार और मंत्र जप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

3. मानसिक शांति और संतुलन

सूर्य देव की उपासना करने से मन की स्थिरता और शांति प्राप्त होती है। यह साधक को तनाव और मानसिक थकान से मुक्त करता है, जिससे आत्मा को शांति मिलती है।

4. करियर और व्यवसाय में सफलता

सूर्य को कर्म और कार्य का देवता माना जाता है। उनकी आराधना से व्यक्ति के करियर में सकारात्मक बदलाव और सफलता के अवसर मिलते हैं। नौकरी या व्यापार में सफलता के लिए सूर्य देव की कृपा आवश्यक मानी जाती है।

5. सकारात्मक सोच और आत्मविश्वास

सूर्य देव की उपासना से व्यक्ति में सकारात्मकता और आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। यह साधक को अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।

6. सामाजिक और पारिवारिक समृद्धि

सूर्य की उपासना से केवल व्यक्तिगत विकास होता है, बल्कि यह समाज और परिवार में भी समृद्धि लाने में मदद करती है। सूर्य देव की कृपा से पारिवारिक बंधन मजबूत होते हैं और रिश्तों में सामंजस्य बना रहता है।

7. आध्यात्मिक विकास

सूर्य देव की उपासना से आत्मिक और आध्यात्मिक विकास संभव होता है। यह साधक को आत्म-ज्ञान और जागरूकता की ओर ले जाता है, जिससे वे अपने जीवन का उद्देश्य समझने में सक्षम होते हैं।

8. सकारात्मक बदलाव का प्रतीक

सूर्य हर दिन नए सिरे से उगता है, जो नवीनीकरण और सकारात्मक बदलाव का प्रतीक है। उनकी उपासना से व्यक्ति अपने जीवन में नए अवसरों और संभावनाओं को स्वीकार करने के लिए प्रेरित होता है। इस तुला संक्रांति पर सूर्य देव की उपासना करने से केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि करियर में भी नई ऊंचाइयां प्राप्त होंगी। आज के इस शुभ दिन का लाभ उठाएं और सूर्य देव की कृपा से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएं।

 

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